महुआ मोइत्रा विवाद से TMC ने दूरी बनाई: कहा- जो व्यक्ति विवाद से घिरा है, वही इस पर बात करे तो ठीक

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कोलकाता35 मिनट पहले

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद पर कोई बात करने से पार्टी ने इनकार कर दिया है। महुआ पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने संसद में अडाणी ग्रुप से जुड़े सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए।

इन आरोपों को लेकर TMC के पश्चिम बंगाल के जनरल सेक्रेटरी और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी को इस मामले में कुछ नहीं कहना है। हमें लगता है कि जो इंसान इस विवाद में घिरा है, वही इस पर बात करने के लिए सबसे सही व्यक्ति है।

एक अन्य TMC नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पार्टी लीडरशिप किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी में नहीं पड़ना चाहती है, इसलिए पार्टी इस मामले से दूरी बनाकर चलेगी।

भाजपा बोली- TMC साफ करे, महुआ के साथ हैं या नहीं
तृणमूल पार्टी के ऐसे बयान को लेकर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी TMC ऐसे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। उन्होंने कहा कि जब भी TMC नेता गिरफ्तार होते हैं या किसी विवाद में घिरते हैं तो पार्टी अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेती है। पार्टी को ये बताना होगा कि वह महुआ मोइत्रा को सपोर्ट करती है या नहीं।

निशिकांत ने महुआ पर एक और आरोप लगाया
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया है। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसे के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं।

उन्होंने कहा कि इस नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केन्द्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

महुआ मोइत्रा केस से जुड़े 4 किरदार…

1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति

इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।

कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।

2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर

42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।

दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।

4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील

जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। जय अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी आरोप लगाने वालों को भी समन देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।

अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।

एथिक्स कमेटी का क्या रोल है
एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा को समन देकर पेश होने को कह सकती है। उनसे पूछताछ कर सकती है। आरोप लगाने वाले सांसद निशिकांत दुबे से सबूत मांग सकती है। अगर मोइत्रा दोषी साबित होती हैं तो उनकी सदस्यता भी जा सकती है।

लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। बुधवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को मौखिक सबूत देने के लिए गुरुवार 26 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया है।

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संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में घिरीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन केस की सुनवाई से हट गए हैं। महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिस पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पढ़ें पूरी खबर…

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