महुआ मोइत्रा बोलीं- शब्दों से मेरा वस्त्रहरण किया गया: एथिक्स कमेटी के चेयरपर्सन ने जानबूझकर अपमानजनक सवाल किए

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नई दिल्ली26 मिनट पहले

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महुआ मोइत्रा गुरुवार सुबह 10:50 बजे संसद में एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंचीं और दोपहर 3:35 बजे दफ्तर से भड़कते हुए बाहर निकलीं।

संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे मामले में फंसीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने नए आरोप लगाए हैं। महुआ गुरुवार 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। उन्होंने कमेटी के चेयरपर्सन विनोद सोनकर के लिए कहा कि उन्होंने शब्दों से मेरा वस्त्रहरण (Proverbial Vastraharan) किया। चेयरपर्सन ने जानबूझकर अपमानजनक सवाल किए। ये सब उन्होंने एथिक्स कमेटी के सभी मेंबर्स के सामने किया।

महुआ ने इसको लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लेटर लिखा है। इसमें महुआ ने ये भी लिखा कि चेयरपर्सन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा था।

एथिक्स कमेटी का नाम बदल देना चाहिए, क्योंकि इसमें नैतिकता नहीं बची
महुआ ने कहा- समिति को एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के बजाय कोई अन्य नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है। विषय से संबंधित प्रश्न पूछने के बजाय चेयरपर्सन ने दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से सवाल किए। यहां तक ​​कि वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने उनके शर्मनाक बर्ताव के विरोध में पूछताछ का बहिष्कार किया।

महुआ मोइत्रा (49) 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा सांसद चुनी गई थीं।

महुआ मोइत्रा (49) 2019 में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी के टिकट पर लोकसभा सांसद चुनी गई थीं।

महुआ बोलीं- मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले प्रश्न पूछे
महुआ ने चिट्ठी में लोकसभा सचिवालय से ये अनुरोध भी किया कि पोर्टल के लॉगिन और पासवर्ड को साझा करने वाले नियमों का खुलासा करें। ओटीपी के बिना कुछ भी सबमिट नहीं किया जा सकता। ये नियम कभी सांसदों को क्यों नहीं बताए जाते। यदि वे (नियम) थे तो हरेक सांसद इस आईडी और लॉगिन को कई लोगों के साथ साझा क्यों कर रहा है?

मैंने बार-बार विरोध जताया, ये कार्यवाही के रिकॉर्ड में है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष मुझसे मुद्दे से संबंधित प्रासंगिक कोई भी सवाल जैसे लॉगिन, गिफ्ट लेने के आरोप…लेकिन इन पर कोई प्रश्न नहीं हुआ। एक महिला के रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।

‘चेयरमैन पूछते हैं- रात में किससे बात करती हैं’
महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए गुरुवार दोपहर 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जब इनसे गुस्से का कारण पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है। विपक्षी सदस्यों, टीएमसी सांसद महुआ के हंगामे के बाद भी एथिक्स कमेटी ने विचार-विमर्श जारी रखा।

पूछताछ के बायकॉट पर किसने क्या कहा…

  • विपक्षी सदस्यों के बहिष्कार पर एथिक्स कमेटी प्रमुख विनोद सोनकर ने कहा- संसद सदस्यों ने पैनल की कार्यप्रणाली और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
  • BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा- दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे में किए गए दावों पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी महुआ मोइत्रा से सवाल करने के लिए बाध्य है।
  • एथिक्स पैनल की सदस्य अपराजिता सारंगी बोलीं- जब दर्शन के हलफनामे के बारे में पूछा गया तो टीएमसी सांसद महुआ ने गुस्से में और अहंकारपूर्ण व्यवहार किया।
TMC सांसद महुआ सुबह करीब 10:50 बजे संसद में बने लोकसभा एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं।

TMC सांसद महुआ सुबह करीब 10:50 बजे संसद में बने लोकसभा एथिक्स कमेटी के दफ्तर पहुंची थीं।

महुआ ने खुद को निर्दोष बताया था
इससे पहले खबर आई थी कि महुआ ने एथिक्स कमेटी के सामने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई से निजी रिश्तों में खटास के कारण यह विवाद खड़ा हुआ है। महुआ के मामले में गृह, IT और विदेश मंत्रालय ने एथिक्स कमेटी को रिपोर्ट सौंपी हैं, उनके आधार पर महुआ से सवाल-जवाब हुए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, IT मिनिस्ट्री ने कमेटी को बताया कि महुआ की ID से दुबई से कम से कम 47 बार लॉगिन किया गया। कमेटी ने 26 अक्टूबर को हुई बैठक के बाद तीनों मंत्रालयों से जानकारी मांगी थी।

महुआ गुरुवार 2 नवंबर को 10:15 बजे दिल्ली स्थित आवास से संसद के लिए रवाना हुई थीं।

महुआ गुरुवार 2 नवंबर को 10:15 बजे दिल्ली स्थित आवास से संसद के लिए रवाना हुई थीं।

महुआ ने कहा था- 2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी
दिल्ली रवाना होने से पहले महुआ ने कहा था- ‘2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी। अगर मैंने एक भी रुपया लिया होता, तो भाजपा तुरंत मुझे जेल में डाल देती। भाजपा मुझे संसद से सस्पेंड कराना चाहती है। सच तो यह है कि वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते। एथिक्स कमेटी के पास क्रिमिनल ज्यूरिस्डिक्शन नहीं है।’

देहाद्राई बोले- जल्द ही सबके सामने सच्चाई रखूंगा
महुआ के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने कहा कि अभी मामला कोर्ट में है, इसलिए अभी इसके बारे में कुछ कहना सही नहीं होगा, लेकिन बाद में मैं सच्चाई सामने रखूंगा।

उन्होंने कहा कि मैं किसी और के बारे में कमेंट नहीं कर सकता। ये एक आजाद देश है, यहां हर व्यक्ति जो चाहे वो कह सकता है, लेकिन आप जो भी कहते हैं उसका अंजाम आपको भुगतना पड़ता है। मैं भी सही समय आने पर सबके सामने बताऊंगा कि क्या हुआ था। अगर कोई व्यक्ति विक्टिम बनकर हकीकत छिपाने की कोशिश कर रहा है, तो पूरा देश उसे देख रहा है। लोग बहुमत समझदार हैं।

जय अनंत देहाद्राई ने CBI में महुआ के खिलाफ सबूत देकर महुआ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जय अनंत देहाद्राई ने CBI में महुआ के खिलाफ सबूत देकर महुआ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

महुआ ने हीरानंदानी-देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की है। उन्होंने 31 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी को लेटर लिखा। इसमें TMC सांसद ने कहा- हीरानंदानी और देहाद्राई ने मेरे खिलाफ लगाए आरोपों का सबूत नहीं दिया है। इसलिए मैं दोनों को क्रॉस एग्जामिन करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं।

19 अक्टूबर को मामले में हीरानंदानी ने कमेटी को हलफनामा देकर बताया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत दी थी। इसके बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने मित्र और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को संसद का अपना लॉगिन पासवर्ड दिया था। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इसके बदले में कैश या महंगे गिफ्ट लिए।

एथिक्स कमेटी प्राइवेट मैटर की जांच के लिए सही जगह नहीं
महुआ ने कहा- 2021 के बाद एथिक्स कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई है। कमेटी ने अभी तक अपना मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तैयार नहीं किया है। अगर मुझ पर कोई आपराधिक आरोप है तो जांच एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। एथिक्स कमेटी किसी के प्राइवेट मैटर की जांच के लिए सही जगह नहीं है।

महुआ ने सोशल मीडिया पर कमेटी को लिखा लेटर शेयर किया।

महुआ ने सोशल मीडिया पर कमेटी को लिखा लेटर शेयर किया।

महुआ ने कहा- कमेटी ने मेरा समन मीडिया में रिलीज किया, इसलिए मैं भी लेटर रिलीज कर रही हूं।

महुआ ने कहा- कमेटी ने मेरा समन मीडिया में रिलीज किया, इसलिए मैं भी लेटर रिलीज कर रही हूं।

क्या है पूरा मामला
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।

निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। निशिकांत ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।

उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वो कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC व विपक्षी दलों को राजनीति करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।

एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।

केस से जुड़े 4 किरदार…

1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति

इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।

कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।

2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर

42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।

दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।

4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील

जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

महुआ मोइत्रा के संसद में 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े
2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे हैं। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।

sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे।

कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।

आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।

अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकते हैं।

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