महुआ को सरकारी बंगला खाली करने का नया नोटिस मिला: 8 दिसंबर को सांसदी गई थी; इसके पहले दो नोटिस और भेजे जा चुके

कोलकाता17 मिनट पहले

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डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स के अधिकारी उनके बंगले पर जाकर सुनिश्चित करेंगे कि बंगला जल्द से जल्द खाली हो जाए।

तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने मंगलवार को उन्हें ये नोटिस भेजा। 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके बाद उन्हें दो बार बंगला खाली करने के लिए कहा जा चुका है।

यूनियन हाउसिंग एंड अफेयर्स मिनिस्ट्री के एक सूत्र ने बताया कि महुआ को तुरंत बंगला खाली करने के लिए कहा गया है। जल्द ही डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स के अधिकारी उनके बंगले पर जाएंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि बंगला जल्द से जल्द खाली हो जाए।

दो बार बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया
महुआ को सबसे पहले इस साल 7 जनवरी तक बंगला खाली करने को कहा गया था। 8 जनवरी को डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने एक नोटिस जारी करके उनसे पूछा कि उन्होंने अब तक बंगला खाली क्यों नहीं किया है। इसके बाद उन्हें 12 जनवरी को दूसरा नोटिस भेजा गया।

कैश फॉर क्वेरी केस में गई थी महुआ की सांसदी
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने मुहआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी। मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया था, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था।

महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी। आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें विपक्ष वॉकआउट किया था। वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया। महुआ ने लोकसभा से निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

निष्कासन के बाद क्या बोली थी महुआ ?

  • कैश या गिफ्ट कोई सबूत ही नहीं मिला। एथिक्स कमेटी ने भी जड़ तक पहुंचे बिना मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाई और कंगारू कोर्ट ने बिना सबूत के मुझे सजा दी।
  • 17वीं लोकसभा वाकई ऐतिहासिक रही है। इस सदन ने वुमन रिजर्वेशन रीशेड्यूलिंग बिल पारित होते देखा। इसी सदन ने 78 महिला सांसदों में से एक के सबसे मजबूत विच-हंट को भी देखा है।
  • इसने एक संसदीय समिति का हथियारीकरण भी देखा विडंबना है कि एथिक्स कमेटी नैतिक दिशा-निर्देशक बनाया गया था, उसका इस्तेमाल वह करने के लिए किया जा रहा, जो उसे कभी नहीं करना था।

महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे पर किया था मानहानि केस
निशिकांत दुबे के आरोपों के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का केस किया था। महुआ ने आरोप लगाया था कि निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत दहाद्राई कैश फॉर क्वेरी केस के जरिए उनकी छवि धूमिल की है। महुआ ने मीडिया चैनलों के खिलाफ भी आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में निशिकांत दुबे और देहाद्राई के खिलाफ ही केस चलाने की मांग रखी, जिसे कोर्ट ने मान लिया था। हाई कोर्ट में यह मामला फिलहाल लंबित है।

केस से जुड़े 4 किरदार…

1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति

इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी।

कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में कूदीं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं।

2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे

इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।

3. दर्शन हीरानंदानी: रियल एस्टेट कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO, अडाणी ग्रुप के कॉम्पिटिटर

42 वर्षीय दर्शन हीरानंदानी ने एक लेटर लिखकर महुआ पर और आरोप मढ़े हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। उनके पिता रियल एस्टेट टाइकून निरंजन हीरानंदानी हैं।

दर्शन डेटा सेंटर, क्लाउड कम्प्यूटिंग, तेल और गैस, लॉजिस्टिक, वेयरहाउस जैसी कई कंपनियों के प्रेसिडेंट हैं, जो हीरानंदानी ग्रुप के अंडर में हैं। दर्शन ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BSc की डिग्री ली है। हीरानंदानी ग्रुप अडाणी ग्रुप का कॉम्पिटिटर है।

4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील

जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। दूसरी ओर, अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।

महुआ मोइत्रा के संसद में 62 सवाल, 9 अडाणी से जुड़े
2019 में सांसद बनने के बाद से महुआ मोइत्रा ने पार्लियामेंट में 28 केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े 62 सवाल पूछे हैं। इनमें पेट्रोलियम से लेकर कृषि, शिपिंग, नागरिक उड्डयन, रेलवे आदि शामिल हैं।

sansad.in की वेबसाइट के मुताबिक, 62 सवालों में से सबसे ज्यादा 9 सवाल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए थे, उसके बाद वित्त के लिए आठ सवाल थे।

कुल 62 में से 9 सवाल अडाणी समूह से संबंधित थे। इनमें से छह सवाल पेट्रोलियम मंत्रालय के लिए और एक-एक सवाल वित्त, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्रालयों के लिए था।