महाराष्ट्र CM बोले- मैं पिता-पति के रूप में फेल हुआ: शिंदे के बेटे ने कहा था- इनके पास हमारे लिए कभी समय नहीं था

मुंबईकुछ ही क्षण पहले

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एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत ने एक कार्यक्रम में अपने पिता की राजनीतिक व्यस्तता पर बात की थी। इस दौरान CM शिंदे भी वहीं मौजूद थे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार (17 फरवरी) को कोल्हापुर में शिवसेना के दो दिनों के कन्वेंशन के दौरान कहा कि एक पिता-पति के रूप में वे फेल हो गए। शिंदे ने कहा- मैं अपने परिवार की उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतर सका। मुझे इसका अफसोस है।

शिंदे ने कहा- कल श्रीकांत (शिंदे के बेटे) के भाषण से मुझे परिवार के दुखों का एहसास हुआ। श्रीकांत ने मेरी आंखें खोलीं। मैं जब घर जाता था, तो बच्चे सो जाते थे। मैं अपने बेटे से हर महीने मिल नहीं पाता था। अपने परिवार के बारे में बात करते हुए शिंदे भावुक नजर आए।

बेटे ने कहा था- पापा के पास हमारे लिए कभी समय नहीं था
​​​​​​​शिंदे का ये बयान उनके बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे के बयान के अगले दिन आया है। श्रीकांत ने शुक्रवार (17 फरवरी) को कहा था- मेरे पिता काम में इतने व्यस्त रहते थे, उनके पास परिवार के लिए कभी समय नहीं था। मैं मां से शिकायत करता था कि पापा मुझे समय नहीं देते।

श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना के कन्वेंशन में भाषण के दौरान ये बातें कहीं। एकनाथ शिंदे भी वहीं मौजूद थे। इस दौरान पिता-पुत्र, दोनों भावुक हो गए। श्रीकांत कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना के सांसद हैं। 2014 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। तब वे आर्थोपेडिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे थे।

बेटे श्रीकांत के भाषण के दौरान एकनाथ शिंदे भावुक हो गए थे। वे अपने आंसू पोंछते नजर आए।

बेटे श्रीकांत के भाषण के दौरान एकनाथ शिंदे भावुक हो गए थे। वे अपने आंसू पोंछते नजर आए।

शिंदे बोले- मेरे बेटे के पास मुझसे जुड़ी कोई याद नहीं
बेटे की बातों पर शिंदे ने कहा- श्रीकांत के पास हमसे जुड़ी कोई यादें नहीं है। अगर कोई उनसे उनके माता-पिता के साथ गुजारे बचपन की यादों के बारे में पूछे तो वह बता नहीं सकते। जब उन्होंने MBBS किया तब भी मैं नहीं गया। उन्हें (श्रीकांत) को एक शिक्षित युवा के रूप में राजनीति में लाया गया। उन्होंने सांसद बनने के बाद MS की पढ़ाई पूरी की।

इससे पहले शिंदे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भी पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने लिखा- शिवसेना मेरी सब कुछ थी, शिव सैनिक मेरा परिवार था। मैंने अपने पूरे जीवन उनके लिए काम किया। मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होगा। मैं हमेशा आगे की सोच रखने वाला हूं। मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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