ममता बनर्जी का दावा- बंगाल में डिएक्टिवेट हुए हजारों आधारकार्ड: पीएम को चिट्‌ठी लिखकर पूछा- क्या लोकसभा चुनाव से पहले लोगों में दहशत लाना चाहते हैं

कोलकाता48 मिनट पहले

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CM ममता बनर्जी के मुताबिक बंगाल सरकार का आधार शिकायत पोर्टल 20 फरवरी से काम करना शुरू कर देगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखी। जिसमें उन्होंने राज्य में आधार कार्डों को अचानक डिएक्टिवेट होने के पीछे के कारण बताने कहा है। ममता ने X पर यह लेटर पोस्ट किया है।

इस लेटर में यह भी लिखा है कि इस तरह कवायद नियमों के खिलाफ और प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है। इस कार्रवाई से राज्य के लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया है।

ममता ने पोस्ट में आधार शिकायत पोर्टल के बारे में बताते हुए कहा- राज्य का हर निवासी ग्रेवांस पोर्टल ऑफ वेस्ट बंगाल से योजनाओं का लाभ उठा सकता है, भले ही उनके पास आधार कार्ड हो या नहीं।

ममता की चिट्‌ठी की बड़ी बातें…

  • मैं पश्चिम बंगाल की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय के लोगों के आधार कार्डों को अंधाधुंध ढंग से डिएक्टिव किए जाने की घटना आपके ध्यान में लाना चाहती हूं।
  • बिना कारण बताए आधार कार्ड निष्क्रिय करने के पीछे क्या कारण है। क्या यह लाभार्थियों को वंचित करने के लिए है। या फिर लोकसभा चुनाव से पहले लोगों के बीच घबराहट पैदा की जा रही है।
  • लेटर मिलने के बाद से बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतों का समाधान करवाने के लिए जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं।

ममता का दावा- बिना जांच कार्रवाई हो रही
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि दिल्ली में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIAI) का हेड क्वॉर्टर बिना किसी जांच के और राज्य सरकार को बताए सीधे लोगों और परिवारों को आधार कार्ड डिएक्टिवेशन लेटर जारी कर रहा है। इतना हीं नहीं, सोमवार (19 फरवरी) को ममता ने GoWB पोर्टल लॉन्च किया।

इस दौरान उन्होंने कहा- “जिन लोगों का नाम काटा जा रहा है उन्हें हम एक अलग कार्ड देंगे। किसी गरीब के साथ हम गलत नहीं होने देंगे। जिनका आधार कार्ड निष्क्रिय किया गया है वे हमें जल्द से जल्द बताएं जिससे उन्हें उनके गणतांत्रिक, सामाजिक, आर्थिक अधिकार मिलते रहें।”

ममता बोलीं- जिन्हें नागरिकता देने का वादा किया उन्हें विदेशी बता रहे
ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन मतुआ समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का वादा किया गया है, उन्हें अब विदेशी बताया जा रहा है। क्या यह उनका अपमान नहीं है? जो लोग आधार कार्ड के साथ खेल रहे हैं, एक समय आएगा जब लोग उन्हें अंधेरे में फेंक देंगे।

ममता ने कहा कि बंगाल सरकार इन लोगों को वैकल्पिक कार्ड देगी, जो न केवल इनकी पहचान बचाएगा, बल्कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की भी अनुमति देगा। क्योंकि वे जमींदार नहीं हैं, जनता के पहरेदार हैं।

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