भास्कर ओपिनियन- राजनीति: झारखंड में हेमंत सोरेन अब नई राह पर, पत्नी को सत्ता सौंपने की तैयारी

7 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर

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ईडी, आईटी और सीबीआई का बीते बरस बड़ा ख़ौफ़ रहा। ख़ासकर, विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं में। हाल ही में कांग्रेस के एक सांसद के यहाँ से तीन सौ करोड़ रुपए पकड़े गए थे। कई और भी मामले हैं जिनमें विपक्षी नेताओं से कभी पूछताछ हुई, कभी उनके यहाँ छापे पड़े तो कुछ मामलों में गिरफ़्तारियाँ भी हुईं।

फ़िलहाल यह चर्चा इसलिए कि अब झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर शिकंजा कसता नज़र आ रहा है। उनके ख़िलाफ़ ज़मीन घोटाले से लेकर अवैध खनन जैसे कई मामले हैं। ईडी की तरफ से भी उन्हें कई समन दिए जा चुके हैं लेकिन वे अब तक पेश नहीं हुए।

हालाँकि इनमें से ज़्यादातर मामले उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले के हैं, लेकिन आरोप और मामले तो हैं। इसलिए इनसे छुटकारा पाने के लिए अब हेमंत सोरेन क़ानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरे में जुटे हुए हैं। विधायक दल की बैठक भी बुलाने वाले हैं।

कल्पना सोरेन मूल रूप से ओडिशा की हैं। इसलिए वह रिजर्व सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें जनरल सीट की जरूरत होगी।

कल्पना सोरेन मूल रूप से ओडिशा की हैं। इसलिए वह रिजर्व सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें जनरल सीट की जरूरत होगी।

राजनीतिक हल्क़ों में चर्चा यह है कि सोरेन अब अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनवा सकते हैं। इस बीच राजभवन में बंद लिफ़ाफ़े में पड़ी रिपोर्ट की चर्चा ज़ोरों पर है। अगर यह रिपोर्ट खुल गई तो हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता भी जा सकती है। ऐसा हुआ तो राज्य सरकार का ख़तरे में आना स्वाभाविक है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री सोरेन इन दिनों इस मंडराते ख़तरे से निजात पाने के लिए सलाह ले रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन के मामले में चुनाव आयोग ने जब राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट भेजी थी, तब काफ़ी कोहराम मचा था और ख़रीद- फ़रोख़्त से बचाने के लिए विधायकों को रायपुर के एक रिपोर्ट में रखा गया था।छत्तीसगढ़ में तब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी। अब वहाँ भाजपा की सरकार है। अब ऐसा कोई मामला हुआ तो विधायकों को बिहार भेजा जा सकता है।

31 दिसंबर को गांडेय से JMM विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया। संभावना है कि इसी सीट कल्पना सोरेन चुनाव लड़ सकती हैं।

31 दिसंबर को गांडेय से JMM विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया। संभावना है कि इसी सीट कल्पना सोरेन चुनाव लड़ सकती हैं।

उधर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को अगर मुख्यमंत्री बनाना है तो एक सीट ख़ाली होनी चाहिए। ताकि छह महीने के भीतर वे वहाँ से चुनाव लड़कर विधानसभा की सदस्य बन सकें। शायद इसी राह को आसान बनाने के लिए गांडेय विधायक ने इस्तीफ़ा दे दिया है।

इस्तीफ़े की वजह जानने के सवाल पर गांडेय से विधायक रहे सरफराज अहमद ने कहा कि मैंने यह फ़ैसला महागठबंधन धर्म निभाने की ख़ातिर लिया है। मेरे इस फ़ैसले से झारखंड भी बचेगा और यहाँ की सरकार भी बचेगी। मंतव्य साफ़ है कि यह सीट कल्पना सोरेन के लिए ही ख़ाली की गई होगी।