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- On One Hand There Is Attack On Gaza And On The Other Hand There Is Attack On Elections.
एक घंटा पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर
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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनावी मैदान ख़ाली पड़े हैं। ख़ाली इसलिए कि पितृ पक्ष में ज़्यादातर बड़े नेता रैली या सभाएं करने से बच रहे हैं। इक्का- दुक्का सभाएं हो भी रही हैं लेकिन वैसी रंगत फ़िलहाल दिखाई नहीं दे रही, जैसी होती है।
उधर गाजा पर क़हर बरपाने को इज़राइल तैयार है। उसने गाजा का पानी बंद कर दिया है। बिजली भी गुल कर दी है। कहा है- हमास जब तक बंधकों को नहीं छोड़ता तब तक पानी – बिजली नहीं देंगे। गाजा में अंधकार छाया हुआ है।
पानी की बूँद – बूँद को लोग मोहताज हैं। इज़राइल ने क़सम खा ली है कि कि वो गाजा का नक़्शा बदलकर रख देगा। नामो- निशान मिटा देगा।
इजराइली सेना के हमले से गाजा में काफी तबाही हुई है।
इस बीच इधर हिंदुस्तान में जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं वहाँ कुछ लोग कह रहे हैं कि हमास के जिस तरह के क्रूर वीडियो आ रहे हैं, उसका फ़ायदा भाजपा को चुनाव में मिलेगा। वैसे भी भाजपा अंतरराष्ट्रीय पार्टी है।
दुनिया में जहां कहीं भी कुछ होता है, उसे फ़ायदा होता ही है। क्योंकि हर चीज उससे जोड़कर देखी जाती है।
ख़ैर, छत्तीसगढ़ में एक दिन पहले ऑनलाइन गेम्स को लेकर कोहराम मच गया था। कांग्रेस और भाजपा में लम्बी लड़ाई छिड़ी। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का एक वीडियो भाजपा ने वायरल कर दिया था जिसमें वे कैंडी क्रश खेल रहे थे।
यह वीडियो भी कांग्रेस की एक मीटिंग के दौरान बनाया गया था। अब सवाल ये है कि पार्टी की मीटिंग में मुख्यमंत्री का यह वीडियो बनाया किसने और भाजपा तक पहुँचाया किसने? ज़रूर कोई घर का भेदी ही रहा होगा।
भाजपा के ट्विटर हैंडल से CM भूपेश बघेल की मोबाइल पर गेम खेलते हुए फोटो पोस्ट की गई।
ख़ैर बघेल ने अपना बचाव करते हुए कहा- भाजपा को मेरे कैंडी क्रश ही नहीं, गेडी और भौंरा खेलने पर भी ऐतराज है। अब इसका क्या इलाज है?
जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा- भूपेश जी पाँच साल से आप छत्तीसगढ़ और यहाँ की जनता की भावनाओं के साथ खेल ही तो रहे हैं। सत्रह नवंबर के बाद फुर्सत में यही करते रहना। कोई नहीं रोकेगा। किसी को ऐतराज नहीं होगा।
हालांकि यह लड़ाई चलती रहेगी। आगे और दिलचस्प नज़ारे सामने आने वाले हैं। उधर राजस्थान में भाजपा के टिकट पाए- खोए लोगों में घमासान चल रहा है। किसी को मनाया जा रहा है। किसी को पूछा तक नहीं जा रहा है।
कुछ नाराज़ हुए बैठे हैं। देखना यह है कि यह नाराज़गी कब तक चलती है।
कांग्रेस अब तक किसी भी राज्य में प्रत्याशियों की कोई सूची घोषित नहीं कर पाई है। हो सकता है वह पितृ पक्ष के समापन की राह तक रही हो! ये बात और है कि सूची आने में बहुत देर हो चुकी है।