भारत-चीन के बीच 20वें दौर की बातचीत हुई: दो दिन चली कोर ​​​​​​​कंमाडर लेवल की मीटिंग; दोनों देश LAC पर शांति बनाए रखने को सहमत

नई दिल्ली3 मिनट पहले

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यह विजुअल 2020 के हैं जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के जवान आमने-सामने आ गए थे।

भारत और चीन के बीच 9 और 10 अक्टूबर को कोर कमांडर लेवल की 20वें दौर की बातचीत हुई। यह मीटिंग लद्दाख सेक्टर के चुशुल-मोल्दो के पास हुई। बुधवार (11 अक्टूबर) को भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक की जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, इस मीटिंग में भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) सहित अन्य मसलों पर बातचीत हुई। भारत के सैन्य अधिकारी ने चीन पर लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना हटाने का दबाव डाला।

भारत और चीन ने बॉर्डर इलाकों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि दोनों देशों ने खुले और रचनात्मक तरीके से बातचीत की और अपने विचारों को साझा किया।

भारत की तरफ से 20वें दौर की बातचीत का नेतृत्व 14-कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया। वहीं, चीनी पक्ष की अगुआई साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ ने किया।

यह दूसरी बार है जब भारत-चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की मीटिंग दो दिनों तक चली। इससे पहले 13 और 14 अगस्त को 19वें राउंड की मीटिंग में दोनों देश के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC पर विवाद को हल करने पर सहमति बनी थी।

वहीं इससे पहले 23 अप्रैल को हुई सैन्य वार्ता के 18वें दौर की बातचीत में भी भारत ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को हल करने की कोशिश की थी। हालांकि, तब कुछ खास नतीजा नहीं निकला सका था। भारत हमेशा से कहता रहा है कि जब तक बॉर्डर इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

भारत-चीन के बीच इन 5 पॉइंट पर लड़ाई

  • उत्तरी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी
  • अरुणाचल प्रदेश में किबिथू
  • लद्दाख में चुसुल
  • अरुणाचल प्रदेश में तवांग के पास बुम-ला
  • सिक्किम में नाथू-ला

3 साल पहले गलवान झड़प के बाद बढ़ा तनाव
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी पर करीब 3 साल पहले 2020 में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 38 चीनी सैनिक मारे गए थे।हालांकि, चीन इसे लगातार छिपाता रहा।

गलवान घाटी पर दोनों देशों के बीच 40 साल बाद ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। गलवान पर हुई झड़प के पीछे की वजह यह थी कि गलवान नदी के एक सिरे पर भारतीय सैनिकों अस्थाई पुल बनाने का फैसला लिया था। चीन ने इस क्षेत्र में अवैध रूप से बुनियादी ढांचे का निर्माण करना शुरू कर दिया था। साथ ही, इस क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा था।

जयशंकर ने कहा था- भारत-चीन बॉर्डर विवाद सबसे बड़ा चैलेंज
जुलाई 2023 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिक्स की एक मीटिंग में शामिल हुए थे। इस दौरान भी उनकी वांग यी के साथ बॉर्डर विवाद और शांति प्रयासों को लेकर चर्चा हुई थी। तब जयशंकर ने भारत-चीन बॉर्डर पर पिछले 3 सालों से जारी तनाव को अपने करियर का सबसे कठिन डिप्लोमैटिक चैलेंज बताया था।

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