भाजपा को कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा फंडिंग: इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2023 में मिले 1300 करोड़ रुपए; कांग्रेस को मिले 171 करोड़

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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भारतीय जनता पार्टी को 2021-22 के तुलना में 444 करोड़ रुपए ज्यादा मिले। यानी 54% हिस्सा, जो कि 1278 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के जरिए आया है।

भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2022-23 में कुल 1300 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है। जबकि इन्हीं बॉन्ड के जरिए कांग्रेस को महज 171 करोड़ रुपए का फंड मिला है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने शेयर की है।

भारतीय जनता पार्टी की एनुअल ऑडिट रिपोर्ट, चुनाव आयोग को भेजी गई थी। इसके मुताबिक 2021-22 में BJP की कुल इनकम ₹1,917 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में ₹2,361 करोड़ हो गई है।

हेलीकॉप्टर-उम्मीदवारों के खर्च का ब्यौरा भी दिया
ऑडिट रिपोर्ट में भाजपा ने यह भी बताया है कि 2022-23 में उसने ब्याज से 237 करोड़ रुपए कमाए हैं। इसके अलावा चुनाव और सामान्य प्रचार के लिए प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए 78.2 करोड़ रुपए खर्च किए। पार्टी ने उम्मीदवारों को फाइनेंशियल हेल्प के तौर पर 76.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया। BJP ने पिछले साल विभिन्न राज्यों में हुए चुनाव के दौरान 1092 करोड़ रुपए खर्च किए।

इन पार्टियों की चुनावी बॉन्ड से इनकम
राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त समाजवादी पार्टी ने 2021-22 में चुनावी बॉन्ड के जरिए 3.2 करोड़ रुपए कमाए थे। 2022-23 में उसे इन बॉन्ड से कोई योगदान नहीं मिला। एक अन्य मान्यता प्राप्त पार्टी टीडीपी ने 2022-23 में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 34 करोड़ रुपए कमाए, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 10 गुना ज्यादा था।

पिछले 4 सालों में भाजपा-कांग्रेस को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड

चुनावी बॉन्ड क्या है?
2017 के बजट में उस वक्त के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावी या इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को पेश किया था। 29 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया। ये एक तरह का प्रोमिसरी नोट होता है। जिसे बैंक नोट भी कहते हैं। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है।

अगर आप इसे खरीदना चाहते हैं तो आपको ये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चुनी हुई ब्रांच में मिल जाएगा। इसे खरीदने वाला इस बॉन्ड को अपनी पसंद की पार्टी को डोनेट कर सकता है। बस वो पार्टी इसके लिए एलिजिबल होनी चाहिए।

जिस पार्टी को डोनेट कर रहे हैं वो एलिजिबल है, ये कैसे पता चलेगा?
बॉन्ड खरीदने वाला 1 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का बॉन्ड खरीद सकता है। खरीदने वाले को बैंक को अपनी पूरी KYC डीटेल में देनी होती है। खरीदने वाला जिस पार्टी को ये बॉन्ड डोनेट करना चाहता है, उसे पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 1% वोट मिला होना चाहिए। डोनर के बॉन्ड डोनेट करने के 15 दिन के अंदर इसे उस पार्टी को चुनाव आयोग से वैरिफाइड बैंक अकाउंट से कैश करवाना होता है।

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इलेक्टोरल बॉन्ड ​​​​मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मामले में 2 नवंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया। अगली सुनवाई की तारीख नहीं बताई गई। कोर्ट ने पार्टियों को मिली फंडिंग का डेटा नहीं रखने पर चुनाव आयोग से नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने आयोग से कहा था कि राजनीतिक दलों को 30 सितंबर 2023 तक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जितना पैसा मिला है, उसकी जानकारी जल्द से जल्द दें। पढ़ें पूरी खबर…

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