प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय झंडों का नहीं हो सकेगा इस्तेमाल, सख्त निर्देश केंद्र

केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल न हो. केंद्र ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले केंद्र ने इस तरह के दिशा-निर्देश जारी किए थे।

केंद्र के मुताबिक यह प्लास्टिक की किसी भी चीज में सड़ता नहीं है। इससे मिट्टी में मिलाने में कई तरह की दिक्कतें आती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पत्र ने चिंता व्यक्त की कि सभी के मन में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति स्नेह, सम्मान और निष्ठा है। हालांकि, विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में जागरूकता की कमी है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि प्लास्टिक से बने झंडे अन्य कागजों से बने झंडे की तरह बायोडिग्रेडेबल नहीं होते हैं।

केंद्र सरकार ने तब से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित किया है कि वे नागरिकों से किसी भी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजन में ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ के अनुसार कागज के झंडे का उपयोग करने का अनुरोध करें। यह भी सुनिश्चित करें कि उपयोग के बाद झंडे जमीन पर न फेंके जाएं।

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