पीएम के इंडोनेशिया दौरे पर भारत लिखा गया: कांग्रेस नेता जयराम बोले- कितना कंफ्यूजन है; इवेंट आसियान-इंडिया नाम से, हिस्सा लेंगे भारत के पीएम

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नई दिल्ली10 मिनट पहले

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पीएम मोदी बुधवार को इंडोनेशिया दौरे पर आसियान-इंडिया सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं।

G20 के इन्विटेशन कार्ड में प्रेसीडेंट ऑफ भारत लिखने के बाद अब पीएम के अफिशियल दौरे पर भी इंडिया की जगह भारत लिखा गया है। मोदी बुधवार को 20वें आसियान-इंडिया सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया सम्मेलन (EAS) में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया जाएंगे।

पीएम के इस दौरे से जुड़ा एक इन्विटेशन कार्ड बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया x (पहले टि्वटर) पर शेयर किया। जिसमें प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिखा नजर आ रहा है।

यही कार्ड कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी शेयर किया और लिखा, देखो मोदी सरकार कितनी कंफ्यूज है! इवेंट का नाम 20वां आसियान-इंडिया सम्मेलन है, जिसमें हिस्सा लेंगे भारत के प्रधानमंत्री। यह सब ड्रामा इसलिए हो रहा है क्योंकि विपक्ष एकजुट हो गया है।

18 सितंबर की तारीख अहम, इसी दिन शुरू होगा संसद का विशेष सत्र
क्या इसे महज इत्तेफाक माना जाए? ठीक 74 साल पहले 18 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एचवी कामथ ने देश का नाम इंडिया से बदल कर भारत या भारतवर्ष करने का संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। इस पर बहस हुई। हालांकि यह वोटिंग के बाद गिर गया था।

अब संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरु हो रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इंडिया दैट इज भारत की शब्दावली बदल सकती है। उधर देर रात, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश का नाम बदलने के लिए विशेष सत्र बुलाने की अटकलों को अफवाह बताया है।

ऐसे बदला जा सकता है नाम

संविधान सभा को सम्बोधित करते हुए जवाहरलाल नेहरू।

संविधान सभा को सम्बोधित करते हुए जवाहरलाल नेहरू।

अनुच्छेद 1 इंडिया और भारत दोनों नामों को मान्यता देता है। नाम बदलने के लिए संसद में संशोधन बिल लाना होगा। अनुच्छेद 368 के तहत दो तिहाई सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। यानी लोकसभा के 356, राज्यसभा के 157 सदस्यों का समर्थन चाहिए।

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I. A. के नाम पर भाजपा हमलावर… जानें क्या है यह मामला
INDIA नाम को लेकर विवाद तब से शुरू हुआ जब विपक्ष की 28 पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया। गठबंधन की पहली बैठक बेंगलुरु में 18 जुलाई को हुई थी। इसमें अलायंस का नाम INDIA (इंडियन नेशनल डेवलमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) रखा गया था। इसके बाद भाजपा विपक्ष पर हमलवार हो गई। पीएम मोदी ने INDIA की जगह इसे घमंडिया गठबंधन का नाम दिया। वहीं विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा था कि, बीजेपी को INDIA नाम लेने से इतनी दिक्कत क्यों है।

INDIA नाम को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका, 21 अक्टूबर को सुनवाई

यह तस्वीर विपक्षी गठबंधन की 18 जुलाई को बेंगलुर में हुई मीटिंग की है।

यह तस्वीर विपक्षी गठबंधन की 18 जुलाई को बेंगलुर में हुई मीटिंग की है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलमेंट इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के नाम को लेकर केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी पार्टियों से जबाव मांगा है। हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई 21 अक्टूबर को करेगा। कोर्ट में गिरीश भारद्वाज ने गुरुवार (3 अगस्त) को याचिका दायर की थी।

उनका कहना था कि विपक्षी गठबंधन का नाम बदल दिया जाए। इससे पहले चिराग पासवान भी गठबंधन के नाम को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि आप देश के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते, ये पूरी तरह गलत है। पढ़ें पूरी खबर…

6 बार उठी देश का नाम बदलने की मांग

देश का नाम एक बार फिर से इंडिया से बदल कर भारत करने की मांग‎ उठने लगी है। इससे पहले भी अब तक 6 बार यह मांग उठ चुकी है।‎सबसे पहले यह मांग संविधान सभा के समक्ष उठी थी। जब इस सभा के‎सदस्य हरि विष्णु कामत ने देश का नाम बदल कर भारत या भारतवर्ष ‎रखने का प्रस्ताव पेश किया था।

संविधान विशेषज्ञ पीडीटी अचारी ने कहा‎कि जब पहली बार संविधान सभा ने संविधान का ड्राफ्ट पेश किया था,‎तो उसमें इंडिया दैट इज भारत शब्द कहीं नहीं लिखा था। उस ड्राफ्ट में‎लिखा था कि इंडिया अर्थात भारत राज्यों का संघ। बाद में इस ड्राफ्ट में‎सुधार कर इसमें इंडिया दैट इज भारत नाम डाला गया है।‎ पढ़ें पूरी खबर…

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