पबजी की लत छुड़ाने बेटे को राइफल दी, गोल्ड जीता: एशियन गेम्स में जयपुर के शूटर दिव्यांश ने टीम इवेंट में भारत को दिलाया पहला स्वर्ण

जयपुर10 घंटे पहले

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जयपुर में शूटिंग की प्रैक्टिस के दौरान दिव्यांश पंवार। दिव्यांश ​​​​​​​की ट्रेनिंग जयपुर में ही हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में कोच दीपक कुमार दुबे से ट्रेनिंग ली।

एशियन गेम्स 2023 में भारत ने अपना पहला गोल्ड मेडल शूटिंग में जीता। चीन के हांगझोउ में शूटिंग के 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह और रुद्रांक्ष पाटिल ने 1893.7 स्कोर कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।

गोल्ड मेडल जीतने वाली शूटर्स की इस टीम के सदस्य दिव्यांश जयपुर के रहने वाले हैं।

दिव्यांश के पिता अशोक पंवार जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करते हैं। मां निर्मला देवी भी नर्स हैं।

दिव्यांश के पिता अशोक पंवार ने बताया- कुछ साल पहले दिव्यांश को ऑनलाइन गेम पबजी खेलने की लत लग गई थी। इसे छुड़ाने के लिए दिव्यांश को भी बड़ी बहन मानवी के साथ जगतपुरा शूटिंग रेंज पर भेजना शुरू किया और उसे राइफल दिलाई।

भारतीय निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और रुद्रांक्ष पाटिल। (बाएं से दाएं)

भारतीय निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और रुद्रांक्ष पाटिल। (बाएं से दाएं)

दिव्यांश बोले- राष्ट्रगान बजते वक्त जो एहसास हुआ, वो बताया नहीं सकता
गोल्ड मेडल जीतने के बाद दिव्यांश ने बताया- जैसे ही हमें पता चला कि हमने भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है, खुशी का ठिकाना नहीं था। राष्ट्रगान बजते वक्त जो एहसास हुआ, वो बताया नहीं जा सकता। कल हम मिक्स-मैच खेलेंगे। हम भारत के लिए एक और पदक लाने की कोशिश करेंगे।

जयपुर के बाद दिल्ली में ट्रेनिंग ली
दिव्यांश की शुरुआती ट्रेनिंग जयपुर में ही हुई। इसके बाद दिव्यांश को दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में कोच दीपक कुमार दुबे के पास ट्रेनिंग के लिए भेज दिया था। दिव्यांश जूनियर वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप और जूनियर वर्ल्ड कप में भी दो गोल्ड सहित तीन मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने 2018 में जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिक्स्ड इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता। जबकि वर्ल्ड कप में दो गोल्ड मेडल जीते।

जब भी समय मिलता है, गीता पढ़ते हैं
पिता अशोक पंवार ने बताया- दिव्यांश को शुरू से ही धर्म-कर्म में विश्वास है। प्रैक्टिस के दौरान पहले वह अक्सर दुखी हो जाता था। उसके कोच दीपक कुमार दुबे ने यह बात नोटिस की। उन्होंने दिव्यांश को पॉकेट गीता पढ़ने को दी ताकि वह अपने लक्ष्य पर फोकस कर सके। दिव्यांश को उन्होंने नियमित गीता पढ़ते रहने की सलाह दी। तब से दिव्यांश गीता हमेशा साथ रखता है। शूटिंग और प्रैक्टिस के दौरान जब भी समय मिलता है तो दिव्यांश गीता जरूर पढ़ता है।

अभिनव बिंद्रा हैं आदर्श
दिव्यांश बीजिंग ओलिंपिक 2008 में गोल्ड मेडल जीत चुके अभिनव बिंद्रा को अपना आदर्श मानते हैं। वे एक इंटरव्यू में भी कह चुके हैं कि अभिनव बिंद्रा को उन्होंने मेडल जीतते हुए टीवी पर देखा है। वह भी उसी तरह देश के लिए मेडल जीतना चाहते हैं।

दिव्यांश अपनी बड़ी बहन अंजलि के साथ जयपुर के जगतपुरा शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करते थे।

दिव्यांश अपनी बड़ी बहन अंजलि के साथ जयपुर के जगतपुरा शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करते थे।

2019 में ISSF वर्ल्ड कप में 6 मेडल जीते
दिव्यांश ने 2019 में ISSF वर्ल्ड कप में 6 मेडल जीते थे। इनमें चार गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल ‌शामिल हैं। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में इंडिविजुअल में एक गोल्ड और एक सिल्वर जीता। जबकि मिक्स्ड डबल्स में 3 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज अपने नाम किया।

इतने अंक हासिल किए
एशियन गेम्स में भारत के तीनों शूटर्स में सबसे ज्यादा 632.5 अंक रुद्रांक्ष ने हासिल किए। ऐश्वर्य तोमर ने 631.6 पॉइंट जबकि दिव्यांश पंवार ने 629.6 अंक हासिल किए हैं।

सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बधाई दी।

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