पति-पत्नी का बच्चे को मां-बाप से दूर रखना क्रूरता: HC में तलाक का फैसला बरकरार, पत्नी ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी

नई दिल्ली5 घंटे पहले

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महिला ने याचिका में कहा था कि पति को रोज शराब पीने की आदत है। जब भी वह पति से मिलने जाती थीं तो वह अपने अपने दोस्तों के साथ व्यस्त रहता था। साथ ही पति का दूसरी महिला से संबंध भी था, जिसके लिए मैंने उसे माफ कर दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पति या पत्नी अगर जानबूझकर बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखने की कोशिश करता है, तो यह मानसिक क्रूरता है। अदालत ने पहले से ही अलग रह रहे कपल को मामले में फैमिली कोर्ट की ओर से दिए फैसले को बरकरार रखा।

साल 2018 में फैमिली कोर्ट ने पति की याचिका पर कपल को तलाक दे दिया था, जिसके खिलाफ पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

पत्नी ने बेटी को हथियार की तरह इस्तेमाल किया: कोर्ट
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने मामले पर सुनवाई की। उन्होंने कहा कि फैमिली कोर्ट के जस्टिस ने सही फैसला दिया था, उन्होंने कहा था कि महिला ने बेटी को अपने पिता (जो सेना में अधिकारी हैं) से अलग कर दिया। साथ ही मामले में बेटी को पिता के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। बच्चे को इस तरह पिता से अलग करना बाप के प्रति क्रूरता है। जबकि पिता ने बच्चे के प्रति कभी उपेक्षा नहीं दिखाई।

हाईकोर्ट ने कहा कि 1996 में हिंदू रीति-रिवाजों और संस्कारों का पालन करते हुए शादी करने वाले जोड़े के बीच विवाद और कलह हो सकती है, लेकिन बच्चे को उसके पिता के खिलाफ करना सही नहीं है। अगर पति या पत्नी अगर जानबूझकर बच्चे को माता-पिता के प्यार से दूर रखने की कोशिश करता है, तो ऐसे मामलों में आरोपी पर कार्रवाई हो सकती है। यह मानसिक क्रूरता है।

पति शराब का लती, उसके दूसरी महिला से संबंध: पत्नी
महिला ने याचिका में कहा था कि पति को रोज शराब पीने की आदत है। जब भी वह पति से मिलने जाती थीं तो वह अपने अपने दोस्तों के साथ व्यस्त रहता था। साथ ही पति का दूसरी महिला से संबंध भी था, जिसके लिए मैंने उसे माफ कर दिया है।

इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शराब की लत किसी के बुरे चरित्र का प्रमाण नहीं हो सकता। खासकर जब कोई अप्रिय घटना न हुई हो। वहीं, ऑफिस में दोस्त बनाना और काम के चलते कपल के अलग रहने को क्रूरता नहीं माना जा सकता। दोनों अलग रह रहे थे, ऐसे में दोस्त बनाना, उनसे बात करना अच्छा लगता होगा। वहीं, अगर पति का किसी महिला से संबंध था, तलाक की याचिका पर फैसला करते समय यह क्रूरता नहीं माना जा सकता।

कोर्ट ने मामले में पत्नी के रवैये की आलोचना की। बेंच ने कहा कि पत्नी ने पति के प्रति क्रूरता की। इसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट में कई आधारों पर पत्नी से तलाक मांगा था। जिसमें बेटी को पिता से दूर करना, बेटी से बातचीत करने से मना करना, बेटी को पति से दूर करने के लिए दिल्ली से स्कूल से निकालकर अपने साथ ले जाना। साथ ही सेना के अधिकारियों के पास पति के खिलाफ झूठी शिकायतें जैसे बातें शामिल थीं।

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