पंजाब से किसानों को लखीमपुर खीरी न आने दें: UP सरकार ने भेजा पत्र ; डिप्टी सीएम के हेलिकॉप्टर को भी उतरने की इजाजत नहीं दी; अब CM चन्नी ने मांगी परमिशन

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जालंधर16 मिनट पहले

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CM चरणजीत चन्नी केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में हैं।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पंजाब के किसानों को न आने दें, इस बाबत उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया कि लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के हेलिकॉप्टर को लखनऊ हेलीपैड पर उतरने की इजाजत नहीं दी गई। जिसके बाद मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने खुद लखीमपुर खीरी जाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से हेलिकॉप्टर उतारने की परमिशन मांगी है।

मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि वह शोक की इस घड़ी में लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलना चाहते हैं। इसके अलावा यूपी सरकार से उनकी मुलाकात के प्रबंध करने को भी कहा गया है।

मुख्यमंत्री चन्नी की तरफ से यूपी सरकार से मांगी परमिशन का पत्र।

मुख्यमंत्री चन्नी की तरफ से यूपी सरकार से मांगी परमिशन का पत्र।

UP सरकार के सेक्रेटरी ने भेजा पत्र

लखीमपुर खीरी में पंजाब के किसानों को आने से रोकने के लिए UP सरकार के सेक्रेटरी ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी, गृह सचिव और डीजीपी को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि पंजाब से किसी भी व्यक्ति को लखीमपुर खीरी आने की इजाजत न दी जाए।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भेजा गया पत्र।

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भेजा गया पत्र।

रंधावा को मैसेज, किसी को भी उत्तर प्रदेश में नहीं घुसने दिया जाएगा

पंजाब के CM चरणजीत चन्नी ने डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा की अगुवाई में अफसरों के प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश जाने को कहा था। उन्हें हेलिकॉप्टर से जाना था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ एयरपोर्ट पर उनके हेलिकॉप्टर को लैंड कराने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद वह सड़क से ही उत्तर प्रदेश के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि उन्हें लगातार कहा जा रहा है कि धारा 144 लागू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के भीतर नहीं जाने दिया जाएगा, लेकिन फिर भी वे जा रहे हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नहीं रोके थे किसान

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ तो तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरा समर्थन दिया। इसके बाद किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरफ बढ़ गए। तब केंद्र सरकार ने अमरिंदर को किसानों को रोकने को कहा था। इसके बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को नहीं रोका। कैप्टन ने सार्वजनिक तौर पर खुद केंद्र सरकार का आदेश न मानने की बात कही थी।

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