नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप: दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, एमपी-यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में तेज झटके

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नई दिल्ली22 मिनट पहले

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भूकंप के बाद दिल्ली-NCR में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

नेपाल में शुक्रवार रात 11:32 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी महसूस किए गए। इसका केंद्र नेपाल में काठमांडू से 331 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था। अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

पिछले महीने भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी।

नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 12000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसमें करीब 5 लाख मकानों को नुकसान पहुंचा था।

भूकंप के झटके महसूस होते ही NCR क्षेत्र में लोग घरों से बाहर निकल आए।

भूकंप के झटके महसूस होते ही NCR क्षेत्र में लोग घरों से बाहर निकल आए।

MP के कई जिलों में भूकंप
मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में भी भूकंप ​​​​​​के झटके महसूस किए गए। प्रदेश के आगर मालवा और मुरैना जिले के कुछ हिस्सों में भी धरती में कंपन महसूस किया गया। शुरुआती जानकारी में प्रदेश में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

बिहार के 11 जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए

पटना में भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

पटना में भूकंप के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

बिहार में पटना समेत आरा, दरभंगा, गया, वैशाली, खगड़िया, सिवान, बेतिया, बक्सर, बगहा, नालंदा, नवादा 11 जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के दौरान धरती करीब एक मिनट तक धरती हिलती रही। कई बार आफ्टर शॉक्स भी महसूस किए गए। सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल और दरभंगा के कुछ हिस्से जोन 5 में आते हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। राजधानी पटना सहित बिहार के बाकी हिस्से जोन 4 में आते हैं, जहां भूकंप का खतरा कम रहता है। पढ़ें पूरी खबर…

हरियाणा में भी कांपी धरती

गुरुग्राम में भूकंप के बाद की तस्वीर। धरती कांपने से घरों में रखे सामान हिलने लगे।

गुरुग्राम में भूकंप के बाद की तस्वीर। धरती कांपने से घरों में रखे सामान हिलने लगे।

हरियाणा के गुरुग्राम सहित कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लोग भूकंप के बाद के हालात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इनमें पंखे और सीलिंग लाइट हिलती नजर आ रही हैं।

यूपी में भी भूकंप

लखनऊ में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर भूंकप के थमने का इंतजार करते नजर आए।

लखनऊ में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर भूंकप के थमने का इंतजार करते नजर आए।

यूपी में राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, कासगंज सहित कई जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि अभी तक भूकंप की तीव्रता का पता नहीं चला है। गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने बताया कि भूकंप के झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस किए गए।

भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

एक्सपर्ट का दावा- अरावली पर्वतमाला की दरार एक्टिव हुई, आते रहेंगे भूकंप
जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं। भूगोल के जानकार डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा(दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जा कर मिलती है। इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं।

एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारे हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है। अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे।

भूकंप कई तरह से आता है, इसे फॉल्ट लाइन भी कहते हैं, ये तीन तरह की होती है…

1. रिवर्स फॉल्ट- भूकंप के दौरान जमीन का एक हिस्सा ऊपर की तरफ उठता है।

2. नॉर्मल फॉल्ट- इस फॉल्ट में जमीन का एक हिस्सा नीचे की तरफ जाता है।

3. स्ट्राइक स्लिप फॉल्ट- टेक्टोनिक प्लेट्स में घर्षण होने की वजह से जमीन का एक हिस्सा आगे या पीछे की तरफ खिसकता है।

467 साल पहले चीन में आए भूकंप में 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी
तीव्रता के लिहाज से अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप चिली में 22 मई 1960 को आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी। इसकी वजह से आई सुनामी से दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भयानक तबाही मची थी। इसमें 1655 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 3000 लोग घायल हुए थे। सबसे जानलेवा भूकंप चीन में 1556 में आया था, जिसमें 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी।

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