नया साल 2024 शुरू, जश्न में डूबा देश: गोवा, मुंबई और बेंगलुरु में नाइट पार्टी; पहाड़, बर्फ देखने लोग शिमला, मनाली और गुलमर्ग पहुंचे

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

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नया साल 2024 शुरू हो गया है। 31 दिसंबर बीतने के साथ ही 2023 खत्म हो गया है। लोग अपने परिवार और करीबियों को कॉल और मैसेज के जरिए नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के साथ धार्मिक स्थलों पर भी नए साल की धूम है।

मॉल, पब और क्लबों में भी जमकर पार्टी हो रही है। इस बार 30 और 31 दिसंबर को वीकेंड के अलावा 1 जनवरी को नया साल होने की वजह से 3 दिन की छुटि्टयां हैं। लोग बीच पार्टी के लिए गोवा का रुख कर चुके हैं।

मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, गुरुग्राम और कोलकाता जैसे शहरों में नाइट पार्टी की तैयारी है। पहाड़, जंगल और बर्फ देखने के लिए लोग शिमला, मनाली और गुलमर्ग जैसे टूरिस्ट स्पॉट पर पहुंचे हैं। इसके चलते मनाली-शिमला में सभी होटल्स फुल हो गए हैं।

उधर, उज्जैन, काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी नए साल पर दर्शन के लिए आने वाले लोगों की सुविधा के लिए मंदिरों में विशेष तैयारी की गई है।

नए साल के जश्न की 7 तस्वीरें…

केरल में 2023 के आखिरी दिन सबरीमाला मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां लोग सिर पर पोटली रखकर आते हैं। पोटली में नैवेद्य (प्रसाद) भरी होती है। मान्यता है कि तुलसी/रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर पोटली लेकर आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

केरल में 2023 के आखिरी दिन सबरीमाला मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां लोग सिर पर पोटली रखकर आते हैं। पोटली में नैवेद्य (प्रसाद) भरी होती है। मान्यता है कि तुलसी/रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर पोटली लेकर आने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

नए साल की पूर्व संध्या पर अयोध्या के सरयू घाट पर विशेष आरती हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हुए। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसलिए श्रद्धालुओं में उत्साह है।

नए साल की पूर्व संध्या पर अयोध्या के सरयू घाट पर विशेष आरती हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हुए। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसलिए श्रद्धालुओं में उत्साह है।

अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है। राम रंग में अयोध्या से लेकर मध्यप्रदेश के जबलपुर तक लोग रंगे हुए हैं। जबलपुर के बेड़ा घाट पर कलाकारों ने भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के स्वरूप में नए साल का स्वागत किया।

अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है। राम रंग में अयोध्या से लेकर मध्यप्रदेश के जबलपुर तक लोग रंगे हुए हैं। जबलपुर के बेड़ा घाट पर कलाकारों ने भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के स्वरूप में नए साल का स्वागत किया।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद श्रीनगर का लाल चौक भी न्यू ईयर सेलिब्रेशन का सेंटर बन गया है। रविवार को यहां बड़ी संख्या में लोग नए साल के स्वागत के लिए जुटे।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद श्रीनगर का लाल चौक भी न्यू ईयर सेलिब्रेशन का सेंटर बन गया है। रविवार को यहां बड़ी संख्या में लोग नए साल के स्वागत के लिए जुटे।

श्रीनगर के जिस लाल चौक को आतंकी और राजनीतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था, वहां सैलानियों ने जमकर डांस करके नए साल का स्वागत किया।

श्रीनगर के जिस लाल चौक को आतंकी और राजनीतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था, वहां सैलानियों ने जमकर डांस करके नए साल का स्वागत किया।

नागपुर में युवाओं ने गुब्बारे और पोस्टर के साथ नए साल का स्वागत किया। पोस्टर में जय श्री राम भी लिखा नजर आया। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है।

नागपुर में युवाओं ने गुब्बारे और पोस्टर के साथ नए साल का स्वागत किया। पोस्टर में जय श्री राम भी लिखा नजर आया। बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है।

न्यू ईयर के मौके पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट हिमाचल पहुंचे। इसके चलते शिमला और मनाली के होटल्स की ऑक्यूपेंसी 90-95% तक पहुंच गई।

न्यू ईयर के मौके पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट हिमाचल पहुंचे। इसके चलते शिमला और मनाली के होटल्स की ऑक्यूपेंसी 90-95% तक पहुंच गई।

भारत में हिन्दू नववर्ष के अलावा अन्य धर्मों की अलग परम्पराएं
भारत में नया साल 5 बार मनाया जाता है। 1 जनवरी को ईसाई न्यू ईयर के अलावा हिंदू, पंजाबी, जैन और पारसी समुदाय अलग-अलग महीनों में नए साल का उत्सव मनाते हैं। चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) की शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है। इसी दिन से नए संवत्सर की शुरुआत भी होती है। इसे गुड़ी पड़वा, उगादी नामों से देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है।

इसके अलावा पंजाब में नया साल वैशाखी (अप्रैल-मई) पर्व के रूप में मनाया जाता है। जैन समुदाय के लोग दीपावली के अगले दिन से नया साल मनाते हैं। इसे वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है। पारसी धर्म का नया साल अगस्त में नवरोज उत्सव के साथ शुरू होता है। इसके अलावा इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है, जो जुलाई से शुरू होता है।

भारत में नया साल मनाने के अलग-अलग रिवाज, 13 ग्राफिक में…

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सड़कों पर कोई सिकंदर तो कोई भूत बनकर निकला; मनेंद्रगढ़ में बहरूपियों की अनोखी परेड

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ग्राफिक: अंकित पाठक और कुणाल शर्मा

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