दो वोट के लिए,दो हत्याएं..प्रभुनाथ सिंह दोषी करार: सुप्रीम कोर्ट में 1 सितंबर को सजा पर होगी सुनवाई;1995 में दो लोगों को मारी थी गोली

पटना10 घंटे पहले

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पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने साल 1995 के मशरख डबल मर्डर केस में उन्हें दोषी करार दिया है। वोट नहीं देने पर दो लोगों की हत्या की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में 1 सितंबर को प्रभुनाथ सिंह की सजा पर बहस होगी।

इस दिन प्रभुनाथ सिंह को कोर्ट में पेश करने का निर्देश भी बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को दिया है। प्रभुनाथ सिंह दूसरे मर्डर केस में जेल में ही सजा काट रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात कही है। जस्टिस संजय किशन कौल और विक्रम नाथ की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

प्रभुनाथ फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

प्रभुनाथ फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

वोट न देने पर 2 की हुई थी हत्या

साल 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था।

बता दें कि यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर अशोक सिंह की हत्या करने की धमकी दी थी। 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई। यह उनके विधायक बनने का 90वें दिन था।

प्रभुनाथ सिंह फिलहाल अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

लालू परिवार के करीबी और राजद का बड़ा राजपूत चेहरा माने जाते हैं प्रभुनाथ सिंह।

लालू परिवार के करीबी और राजद का बड़ा राजपूत चेहरा माने जाते हैं प्रभुनाथ सिंह।

कौन हैं प्रभुनाथ सिंह

प्रभुनाथ सिंह साल 1985 में पहली बार मशरख से निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे। 1990 में लालू प्रसाद की पार्टी से विधायक बने। 1998, 1999, 2004 व 2013 में महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव जीते। 1995 में विधायक अशोक सिंह की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में अशोक के भाई तारकेश्वर सिंह जीते।

प्रभुनाथ सिंह पर एक चुनाव प्रचार में तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार को धमकी देने का आरोप लगा था। उन्होंने डीएम को कफन खरीदने की बात कही थी। पुलिस ने प्रभुनाथ सिंह पर दो मामले दर्ज किए थे। बाद में प्रभुनाथ ने इसे नकारते हुए अपनी सफाई दी थी।

प्रभुनाथ सिंह की सीवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के साथ भी रंजिश रही है। दोनों के समर्थकों के बीच कई बार झड़पें भी हो चुकी हैं। इसे लेकर अक्सर इलाके में तनाव की स्थिति रहती थी।

नीतीश, सोनिया गांधी की करते रहे आलोचना

प्रभुनाथ सिंह ने अप्रैल 2009 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को उछालते हुए कहा था कि उनका चेहरा, उनकी आवाज और उनकी भाषा मुझे नापसंद है। वे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की प्रशंसा के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खूब आलोचना करते रहे हैं।

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