देहरादून में देश को मिले 319 अफसर: पहली बार- आधे झुके तिरंगे,आईएमए फ्लैग के समक्ष पासिंग आउट परेड

9 घंटे पहले

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पासिंग आउट परेड में बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली।

भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमएम) में पासिंग आउट परेड में इस बार सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 अन्य सैन्य अफसरों के निधन का दुख छाया रहा। पहली बार ऐसा हुआ कि पासिंग आउट परेड आधे झुके भारतीय झंडा और आईएमए झंडे के समक्ष आयोजित हुई। मुख्य अतिथि भी परंपरा के अनुसार घोड़ा बग्गी से परेड में शामिल नहीं हुए।

आईएमए के इतिहास में ऐसा भी पहली बार हुआ कि राष्ट्रपति के सम्मान में ब्लू पेट्रोल ड्रील ड्रेस में कैडेटों परेड आयोजित की, जबकि इससे पहले परेड में आमतौर पर अंगोला ड्रेस रहती थी। हालांकि दुख के बावजूद पासिंग आउट परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट्सों में जोश दिखा।

पासिंग आउट परेड में बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली। इस बार आईएमए से 387 कैडेट पासआउट हुए, जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़े। सबसे ज्यादा 45 कैडेट्स उत्तर प्रदेश के हैं। इसके अलावा हरियाणा के 34, राजस्थान के 23, बिहार के 26, पंजाब के 22, मध्य प्रदेश के 20 और महाराष्ट्र के 20 कैडेट्स इसमें शामिल हैं।

परेड में इस बार 8 मित्र देश अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालद्वीव, म्यांमार, तंजानिया और तुर्कमेनिस्तान की सेना के 68 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट हुए। शेड्यूल में पूर्व निर्धारित मल्टी एक्टिीविटी डिस्पले और लाइट एंड साउंड शो को राष्ट्रीय शोक के चलते रद्द कर दिया गया था।

1971 युद्ध की जीत को हुए पचास साल

इस वर्ष 2021 में 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत की 50 वीं वर्षगांठ भी है। इस वर्ष को भारतीय सैनिक के सम्मान में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया गया, जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपना बलिदान दिया।

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