देशभर में कोरोना के 797 नए केस, 5 की मौत: 7 महीने बाद इतने मामले; एक्टिव केस 4 हजार के पार, केरल में 2500 से ज्यादा मरीज

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नई दिल्ली14 मिनट पहले

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कोरोना के ज्यादातर संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में हैं। फिलहाल हॉस्पिटलाइजेशन रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

देशभर में 24 घंटे में 797 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, 798 मरीज ठीक हुए और 5 की मौत हुई है। 7 महीने बाद कोरोना के इतने मामले दर्ज हुए हैं। इससे पहले 19 मई 2023 को 865 केस रिपोर्ट हुए थे।

देश में कुल एक्टिव केस की संख्या 4091 हो गई है। यानी इन मरीजों का फिलहाल इलाज चल रहा है। इनमें से केरल में सबसे ज्यादा 2522, कर्नाटक में 568 और महाराष्ट्र में 369 संक्रमित हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ हॉस्पिटलाइजेशन रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

फरवरी 2020 में देश में पहला कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। तब से अब तक देश में 4.50 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 4.44 करोड़ ठीक हुए हैं। जबकि 5.33 लाख की मौत हुई है।

नए वैरिएंट से सतर्क रहने की जरूरत
कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 को लेकर ICMR की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने सतर्क रहने को कहा है। न्यूज एजेंसी ANI से उन्होंने कहा- हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। हमारे पास JN.1 का कोई डेटा नहीं है, जिससे पता चल सके कि यह वैरिएंट खतरनाक है या नहीं।

41 देशों में फैला JN.1 वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना का नया JN.1 वैरिएंट अब तक 41 देशों में फैल चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में JN.1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सभी केसेज हल्के लक्षण के हैं।

WHO ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ में शामिल किया है। WHO ने बताया कि अभी तक का विश्लेषण कहता है कि मौजूदा वैक्सीन JN.1 वैरिएंट पर पूरी तरह से कारगर है। इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है।

हालांकि WHO ने सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। साथ ही आवश्यक दूरी बनाने को भी कहा गया है।

भारत में कहां से आया JN.1 वैरिएंट ?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में JN.1 वैरिएंट का पहला केस सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि बाद में वह ठीक हो गई।

कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोला वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

अमेरिका में सितंबर में मिला था JN.1 का पहला मरीज
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा था कि 8 दिसंबर तक अमेरिका में सब वैरिएंट JN.1 अनुमानित 15% से 29% कोविड केस के लिए जिम्मेदार है। सितंबर में पहली बार JN.1 का मरीज सामने आया था।

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