दीपिका पादुकोण ने एसिड अटैक सर्वाइवर को दिए 10 लाख: यूपी की बाला को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 16 लाख चाहिए, 9 साल पहले पड़ोसी ने तेजाब फेंका था

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  • दुश्मनी में फेंका था तेजाब, 12 सर्जरी के बाद पैरों पर खड़ी बाला, दीपिका और कपिल संग किया काम, अस्पताल में आज मौत से लड़ रहे हैं

आगरा2 घंटे पहले

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने यूपी के बिजनौर की रहने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर बाला प्रजापति को इलाज के लिए 10 लाख रुपए दिए हैं। 25 साल की बाला इस समय जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं। उसकी दोनों किडनी फेल हो गई है। वह डायलिसिस पर हैं लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के बिना जीवित रहना मुश्किल होगा। उनका इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है। ट्रांसप्लांट के लिए 16 लाख रुपए की जरूरत है।

परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। इसलिए आगरा में स्थित शिरोज हैंगआउट कैफे ने क्राउड फंडिंग (bit.ly/SaveBala) अभियान चलाया है। वह शिरोज में काम करती थी। बाला के इलाज के लिए अब तक 10.78 लाख से ज्यादा रुपए जुटाए जा चुके हैं। एक माह पहले बाला की अचानक तबीयत खराब हुई थी। पहले लखनऊ में राम मनोहर लोहिया में इलाज चला। यहां किडनी फेल होने का पता चला। इसके बाद दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में शिफ्ट किया गया। दो डायलिसिस हो चुकी है।

बाला कॉमेडी नाइट विद कपिल शो में जा चुकी हैं। मेघना गुलजार द्वारा बनाई गई फिल्म ‘छपाक’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ अभिनय किया था। वह आगरा शहर में किसी सेलेब्रेटी से कम नहीं है।

फिल्म छपाक की शूटिंग के दौरान दीपिका पादुकोण के साथ बाला। (बाएं से तीसरे नंबर पर)

9 साल पहले मकान मालिक ने रंजिशन फेंका था तेजाब
बिजनौर की रहने वाली बाला प्रजापति पर 9 साल पहले एसिड अटैक हुआ था। हरकेश सिंह चौहान से पारिवारिक रंजिश चल रही थी। विवाद के दौरान हरकेश सिंह ने बाला और उसके दादा के ऊपर घर में घुस कर तेजाब से अटैक कर दिया था। हमले में बाला के दादा की मौत हो गई थी जबकि बाला के गले, हाथ और चेहरे को तेजाब ने बुरी तरह झुलसा दिया था। हादसे के बाद बाला का दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज चला और 12 सर्जरी के बाद उसकी जिंदगी बच पाई थी।

बाला प्रजापति शिरोज हैंगआउट कैफे में काम कर गुजारा कर रही थी। लेकिन बीमारी से वह अब लड़ रही है।

बाला प्रजापति शिरोज हैंगआउट कैफे में काम कर गुजारा कर रही थी। लेकिन बीमारी से वह अब लड़ रही है।

खुले में घूम रहे आरोपी
बाला को इस हालत तक पहुंचाने के जिम्मेदार हरकेश को साल 2013 में हाईकोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई। लेकिन 2016 में उसे कोर्ट ने रिहा कर दिया। उसकी रिहाई की जानकारी भी बाला को काफी समय बाद हुई थी। तब से आरोपी खुले में घूम रहे हैं।

सोशल मीडिया पर मदद की गुहार

सोशल मीडिया पर मदद की गुहार

एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु ने संभाला
बाला के इलाज और उसकी ऐसी हालत देख उसके माता पिता और तीन छोटे भाई काफी परेशान हो गए थे। परिवार पहले ही आर्थिक तंगी में था। हादसे के बाद बाला कई दिनों तक खुद को देखने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात एसिड अटैक सर्वाइवर अंशु से हुई और बाला जीवन यापन के लिए छांव फाउंडेशन के पास पहुंच गई।

बाला साल 2017 में शिरोज हैंगआउट कैफे से जुड़कर आगरा आईं और आत्मनिर्भर हुईं।

बाला साल 2017 में शिरोज हैंगआउट कैफे से जुड़कर आगरा आईं और आत्मनिर्भर हुईं।

2017 में बाला शिरोज से जुड़ीं
जमाने भर के दुख झेल चुकी बाला साल 2017 में शिरोज हैंगआउट कैफे से जुड़कर आगरा आईं और आत्मनिर्भर हुईं। परिवार की भी मदद करने लायक हो गई। इसके बाद उसका जीवन सही चल रहा था कि अचानक उसकी तबीयत खराब हुई और इलाज के दौरान उसकी दोनों किडनी खराब होने की जानकारी सामने आई। शिरोज के डायरेक्टर आशीष कुमार के अनुसार हम इलाज के लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं, अगर लोग भी आगे आएंगे तो बाला को एक बार फिर जीवन जीने का मौका मिल सकता है।

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