दिल्ली कोर्ट ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल मामले में सात लोगों की हिरासत बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को देश भर में विभिन्न स्थानों पर आतंकी हमले करने की कथित साजिश के आरोप में इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए सात लोगों की हिरासत की अवधि 10 दिनों के लिए बढ़ा दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक याचिका पर यह आदेश पारित किया, जब उन्होंने आरोपियों को उनकी पहले की हिरासत में पूछताछ की अवधि समाप्त होने पर पेश किया। आरोपियों को दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और महाराष्ट्र एटीएस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का दावा किया था, जिसमें पाकिस्तान के आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित दो आतंकवादी भी शामिल थे। यह कहा गया था कि समूह नवरात्रि और रामलीला के दौरान महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बड़े हमले करने की योजना बना रहा था।

विशेष प्रकोष्ठ ने इस आधार पर उनकी और हिरासत की मांग की कि उसे भारत में मौजूद अधिक आतंकवादियों का पता लगाना था, जिन्हें आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। पुलिस ने यह भी कहा कि उसे पैसे के निशान और अधिक वसूली का भी पता लगाना था। इसमें कहा गया है कि आरोपियों को आगे की जांच के लिए देश भर में कई जगहों पर ले जाने की जरूरत है।

कुछ आरोपियों की ओर से पेश अधिवक्ता कौसर खान ने रिमांड आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस को पहले ही आरोपियों की पर्याप्त हिरासत मिल चुकी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सभी आरोपियों को पाकिस्तान-आईएसआई समन्वित और संगठित आतंकी मॉड्यूल से जुड़े एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को निशाना बनाने की संभावना है। पुलिस ने कहा था कि उनमें से कुछ को हाल ही में पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया था। केंद्रीय एजेंसी से इनपुट मिलने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था कि सीमा पार भारत के कई शहरों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि गिरफ्तार लोगों के पास से महंगे आयातित हथियार, आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम से जुड़े मामलों में [UAPA]पुलिस अधिकतम 30 दिन की रिमांड मांग सकती है।

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