तीसरी लहर ला सकता है ओमिक्रॉन: SGPGI डायरेक्टर बोले- कोरोना का यह वैरिएंट डेल्टा से ज्यादा ताकतवर, भारी पड़ सकती है अनदेखी

लखनऊएक दिन पहलेलेखक: प्रणव कुमार

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर देश-दुनिया में अफरातफरी है। दैनिक भास्कर ने लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के डायरेक्टर प्रो. आरके धीमन से इस पर बात की। उन्होंने कहा कि इसी वैरिएंट की वजह से तीसरी लहर आएगी, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण बन सकता है। हालांकि यूपी के लिहाज से राहत की बात यह है कि यहां 80% लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है।

सवाल: ओमिक्रॉन को लेकर डर जैसा माहौल बन रहा है?
जवाब :
9 नवंबर को साउथ अफ्रीका में पहली बार यह वैरिएंट डिटेक्ट हुआ। यह तेजी से फैल रहा है। महज 20 दिनों में अफ्रीका के बाद यूरोप और एशिया समेत कई महाद्वीप तक पहुंच गया। एक्सपर्ट्स डेल्टा समेत कोरोना के सभी वैरिएंट से इसे कई गुना ज्यादा संक्रमण क्षमता वाला बता रहे हैं। इसलिए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इनकी अनदेखी भारी पड़ सकती है।

सवाल : इस वैरिएंट से तीसरी लहर आ सकती है?
जवाब : इस बात के अभी कोई पुख्ता प्रमाण नही है कि यही वैरिएंट तीसरी लहर लाएगा, लेकिन निश्चित तौर पर यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण हो सकता है। इसीलिए हमें लापरवाही नही बरतनी चाहिए। एक और अहम बात, यूपी के हालात अन्य जगहों से बेहतर हैं। सीरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार यहां 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हुई है। साथ ही वैक्सीनेशन का आंकड़ा भी 15 करोड़ के करीब है, लेकिन सावधानी हर स्तर पर बरतने की जरूरत है।

सवाल : हाई रिस्क कैटेगरी के लोगों के लिए कोई सलाह?
जवाब : को-मोरबीडीटीज यानी हाई रिस्क पेशेंट जिनमें ट्रांसप्लांट वाले मरीज, ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट डिजीज, लिवर समेत गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इन सभी को CAB यानी कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करना अनिवार्य है। मास्क का इस्तेमाल और दो गज की दूरी का ध्यान रखना होगा।

सवाल : इस वैरिएंट से बचाव का तरीका क्या है? निजी और सामाजिक स्तर पर क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है?
जवाब : हम सबको समझना होगा कि यह बेहद अहम समय है। अगर यह वैरिएंट इम्यूनिटी एस्केप और वैक्सीनेशन से भी एस्केप करता है। यानी इन दोनों का इस पर असर नहीं पड़ता है तो फिर इससे निपटने का तरीका सिर्फ कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर ही है। इसमें मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंसिंग, पब्लिक गैदरिंग को बंद करना या सीमित करना जैसे अहम एहतियात हैं।

इसके अलावा एयरपोर्ट पर विदेशों से आने वालों की टेस्टिंग और उनके क्वारैंटाइन संबंधी नियम सख्त करने होंगे। रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर भी एहतियात बरतने की जरूरत है। एक जिम्मेदार सोसाइटी के रूप में भी हमें खुद को तैयार रखना होगा।

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