तमिलनाडु गवर्नर का विधानसभा से वॉकआउट: 2 मिनट में सदन छोड़ा, भाषण पढ़ने से इंकार किया; बोले- इसे पढ़ा तो संविधान का मजाक बनेगा

चेन्नई15 मिनट पहले

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तमिलनाडु विधानसभा का सत्र 12 फरवरी को शुरु हुआ, जिसमें राज्यपाल के वॉकआउट के बाद स्पीकर अप्पावु ने भाषण पढ़ा।

तमिलनाडु में गवर्नर और राज्य सरकार के बीच चल रही तनातनी फिर सामने आई। सोमवार (12 फरवरी) को राज्य विधानसभा सत्र के पहले ही दिन गवर्नर आरएन रवि बिना भाषण पढ़े, दो मिनट में सदन से छोड़कर चले गए।

महज एक मिनट की स्पीच में गवर्नर रवि ने कहा कि राष्ट्रगान को सम्मान देने की मेरी रिक्वेस्ट को बार-बार नजरअंदाज कर दी गई। साथ ही इस संबोधन में कई अंश हैं, जो फैक्चुअली सही नहीं है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इनसे असहमत हूं।

गवर्नर ने कहा- अगर मैं फिर भी इसे अपनी आवाज देता हूं, तो यह संविधान का मजाक होगा। इसलिए मैं अपना संबोधन खत्म कर रहे हैं। लोगों की भलाई के लिए इस सदन में सार्थक चर्चा की कामना करता हूं।

राज्यपाल के सदन छोड़ जाने के बाद स्पीकर अप्पावु ने विधानसभा के पहले सत्र का भाषण पढ़ा। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से तमिलनाडु की राजनीति में DMK और विपक्षी पार्टिया आमने-सामने आ गई हैं।

पिछले साल भी सरकार के भेजे ड्राफ्ट से गवर्नर असहमत थे
पिछले साल 9 जनवरी 2023 को भी गवर्नर के भाषण के दौरान ऐसे ही कुछ देखने को मिला था। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने जो आधिकारिक भाषण तैयार किया था उसके कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था। उन्होंने उन हिस्सों का जिक्र नहीं किया था जिनमें पेरियार, बीआर अंबेडकर, के कामराज, सीएन अन्नादुराई और के करुणानिधि जैसे नेताओं के नाम थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री स्टालिन ने केवल आधिकारिक भाषण रिकॉर्ड करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करके जवाब दिया था। वहीं, राज्यपाल सदन से बाहर निकल गए थे।

हाल ही में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी 25 जनवरी को विधानसभा में अपना पारंपरिक भाषण कुछ ही मिनटों में खत्म कर दिया था। उन्होंने सरकार के बनाए गए भाषण का केवल आखिरी पैराग्राफ पढ़ा था।

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