न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेट किया गया मंगल, 03 अगस्त 2021 10:46 PM IST
सार
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने झारखंड में जलापूर्ति परियोजना के लिए 831 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूर कर लिया है। इस परियोजना से राज्य के चार शहरों में साफ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके 2028 तक पूरे होने की उम्मीद है।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स
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विस्तार
एडीबी के दक्षिण एशिया के लिए मुख्य शहरी विकास विशेषज्ञ संजय जोशी ने कहा कि यह परियोजना बेहतर बुनियादी ढांचे के माध्यम से अपने शहरी नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए झारखंड के दृष्टिकोण और एक्शन प्लान 2021 में मदद करती है।
उन्होंने कहा कि यहां जलापूर्ति वर्तमान में अपर्याप्त है। रोज औसतन तीन से चार घंटे ही जलापूर्ति मिलती है। यह परियोजना निरंतर और गुणवत्तापूर्ण जलापूर्ति सुनिश्चित करेगी, जिससे स्वास्थ्य व स्वच्छता की स्थिति भी सुधारेगी, खास तौर पर महामारी के बाद के परिदृश्य में।
झारखंड शहरी जलापूर्ति सुधार परियोजना के तहत हुसैनाबाद, झुमरी तलैया, मेदिनीनगर और रांची आएंगे। इस योजना के तहत चार जन शोधन प्लांट (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण किया जाएगा। इन चारों प्लांट की कुल क्षमता 27.5 करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन की होगी।
एडीबी ने कहा कि इस परियोजना से लोगों के साफ पेयजल मिलेगा जो राष्ट्रीय पेयजल गुणवत्ता मानक के अनुरूप होगा। ता दें कि परियोजना की लागत 16 करोड़ अमेरिकी डालर है, जिसमें 4.8 करोड़ डालर का खर्च झारखंड राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों और अन्य कमजोर समूहों सहित करीब एक लाख 15 हजार घरों को निरंतर जलापूर्ति प्रदान करने के लिए 940 किलोमीटर के जल वितरण नेटवर्क की स्थापना की जाएगी।
एडीबी ने कहा कि जल शोधन और वितरण में पानी के नुकसान को कम करने के लिए परियोजना की डिजाइन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता का समावेश व संस्थागत विकास जैसे पहलू शामिल होंगे।
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