शिमलाकुछ ही क्षण पहले
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डोडराक्वार में हाथों में वैक्
कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने के लक्ष्य पूरा करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से हिमाचल के 6 लोगों से वर्चुअल संवाद किया। शिमला, कुल्लू, ऊना, हमीरपुर, मंडी और लाहौल-स्पीति के लोगों से बातचीत की( वैक्सीनेशन को लेकर किस तरह कि इन लोगों को परेशानियां हुई। लोगों को किस तरह से उन्होंने प्रोत्साहित किया। तमाम बातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत कर विचार सांझा किए। ……आइए जानते हैं पीएम मोदी से बात करने वाले लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर विचार, क्या-क्या परेशानियां हुई……
हिमाचल के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार में वैक्सीन लगाने के लिए पहुंचा स्वास्थ्य स्टॉफ
अभी तक लगा चुकी हुं 22 हजार से ज्यादा को टीका
ऊना जिला की एमसीएच कर्मों देवी ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में पहले डर था। लोग वैक्सीनेशन करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। ऐसे में काफी परेशानी हो रही थी। टारगेट पूरा नहीं हो पा रहे थे। लोगों से बातचीत की उन्हें समझाया और इसी की बदौलत आज वह 22 हजार 500 लोगों को कोविड से बचाव का टीका लगा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके कार्य को सराहा और कहा कि उनका जज्बा ही है जिसकी बदौलत आज हिमाचल पहली डोज के साथ वैक्सीनेट हो चुका है।
कर्मों देवी ऊना
वैक्सीन लगाने से ठीक हुई मेरी बाजू की दर्द
हमीरपुर के वार्ड 2 की रहने वाली 84 साल की बुजुर्ग महिला निर्मला देवी ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद उनकी बाजू में जो दर्द होता था वह खत्म हो गया है। वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह का डर वह भ्रम लोगों के बीच नहीं होना चाहिए। उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर बताया कि इससे किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होते। स्वास्थ्य विभाग की तरफदारी करते हुए उन्होंने कहा कि पहला टीका उन्होंने अस्पताल लगाया जबकि दूसरा टीका उन्हें घर आकर ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने लगाया। नरेंद्र मोदी से बात करके वह काफी खुश है और वह लोगों से भी अपील करती है कि वह टीका लगवाए इसे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती।
निर्मला देवी, हमीरपुर
गोंपाओ की मदद से किए लोग जागरूक
हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पीति के निवांग उपासक ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर लाहुल-स्पीति के लोगों में काफी भ्रम था। लोग वैक्सीन लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। ऐसे में उन्होंने गोंपाओ से मदद ली। पूजा पाठ के माध्यम से सभी लोगों को एकत्रित किया और गोंपाओ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। गोंपाओ ने लोगों को बताया कि अगर वैक्सीन लगाते हैं तो महामारी खत्म हो जाएगी। इससे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी। ऐसे में लोग वैक्सीन लगाने के लिए बाहर निकले और उन्होंने वैक्सीन लगाई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब दलाई लामा ने भी वैक्सीन लगाई तो उसका वीडियो भी उन्होंने ग्रामीणों को बताया और लोग दलाई लामा की वैक्सीन लगाने का वीडियो देखकर आगे आए और सबसे पहले लाहौल स्पीति वैक्सीनेट हुआ। कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर उन्हें काफी परेशानी हुई। 2- 2 घंटे पैदल चलकर वहां पर पहुंचना पड़ता था।
निवांग उपासक, लाहौल-स्पीति
नहीं आई किसी तरह की परेशानी
मंडी जिला के सिराज के रहने वाले दयाल सिंह ने भी पीएम मोदी से बातचीत की उन्होंने भी यही कहा कि उन्हें वैक्सीनेशन करवाने और लोगों को प्रोत्साहित करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। लोग खुद वैक्सीन लगाने के लिए आगे आते रहे। कुछ बुजुर्गों ने वैक्सीन लगाने के लिए जरूर डर था, लेकिन समझाने के बाद उन्होंने वैक्सीन लगाई और आज हिमाचल पहली डोज के साथ वैक्सीनेट हो चुका है।
दयाल सिंह, सिराज, मंडी
6 घंटे पैदल चलकर पहुंचे वैक्सीन लगाने
कुल्लू के मलाणा की आशा वर्कर निर्मला देवी ने भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा परेशानी वैक्सीनेशन को लेकर आई है। क्योंकि मलाणा के कई गांव ऐसे भी है जहां पर 6 घंटे पैदल चलकर पहुंचना पड़ता है। ऐसे में कंधों पर वैक्सीनेशन का बैग उठाकर वह गांव-गांव तक लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए पहुंची। लोगों को जागरूक भी किया और ग्रामीणों ने भी बेहतर तरीके से रिस्पांस किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके कार्यों को सराहा है और कहा कि मलाणा जैसे दुर्गम क्षेत्र में जिस तरह से उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर कार्य किया है वह सराहनीय है।
निर्मला देवी, मलाणा, कुल्लू
लोगों की की काउंसलिंग
शिमला जिला के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार में तैनात डॉ. राहुल से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवाद किया। डॉ. राहुल ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने के लिए लोकल भाषा में बताया गया। इसके अलावा लोगों की काउंसलिंग भी की गई, इतना ही नहीं गर्भवती महिलाएं जोकि टीका लगाने को लेकर डर रही थी, उन्हें भी जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि यह इलाका ऐसा है जहां पर सिगनल तक नहीं होता। बावजूद इसके उन्होंने यहां पर सभी को पहली डोज लगा दी है। उनकी टीम कंधों पर बैग उठाकर गांव-गांव तक पहुंची है। यहां पर सबसे लास्ट में 5 अप्रैल को वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हुआ और तकरीबन सभी लोगों को यहां पर वैक्लसीन लगाई जा चुकी हैं।
डॉ. राहुल, डोडरा क्वार, शिमला
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