घर में समानता लाने की पहल: पुरुषों और युवाओं को खाना पकाने जैसे कामों की ट्रेनिंग दी जाएगी, केरल में जागरुकता लाने के लिए पाठ्यक्रमों में बदलाव होंगे

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कोच्चि4 घंटे पहलेलेखक: बाबू के पीटर

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जेंडर समानता को लेकर जागरुकता लाने के लिए स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रमों में बदलाव भी किए जाने की योजना है।

देश में पहली बार अब केरल के घरों के किचन में अब जल्द ही पुरुष खाना पकाने, बर्तन चमकाने और घर सलीके से रखने का प्रशिक्षण लेते नजर आएंगे। यानी घर के काम अब सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं रह जाएगी। यह केरल सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्मार्ट किचन प्रोजेक्ट’ का अहम हिस्सा है।

घर के कामों में महिलाओं के साथ पुरुषों और युवा लड़कों को बराबर जिम्मेदारी और महिलाओं को आराम देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट में इसे शामिल किया। सरकार ने इसके पहले चरण के लिए पांच करोड़ रुपए का फंड भी तय कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत एक्सपर्ट्स शेफ के जरिए घर के पुरुषों को खाना पकाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उन्हें बर्तन साफ रखने और किचन के साथ घर जमाने के गुर भी सिखाए जाएंगे।

सरकार के ही एजुकेशनल सैटेलाइट चैनल विक्टर्सडॉट टीवी के जरिए बच्चों को भी पाक कला सिखाने के लिए क्लासेस से जोड़ा जाएगा। इस पहल का सूत्र वाक्य भी रोचक ‘पार्टिसिपेटरी कुकिंग, इंटरेस्टिंग कुकिंग’ रखा गया है। कुकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

इसके अलावा जेंडर समानता को लेकर जागरुकता लाने के लिए स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रमों में बदलाव भी किए जाने की योजना है। इनसे संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। हालांकि जुलाई माह से इस प्रोजेक्ट पर अमल शुरू होना था। पर कोरोना के वजह से इसमें देरी हो गई।

इसके बाद सरकार ने प्रोजेक्ट को अपडेट करने के लिए विभागीय सचिव स्तरों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई। इसके सुझावों पर बदलाव कर दिए गए हैं। प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग और खर्च की निगरानी के लिए भी समिति को जिम्मेदारी दी गई है। इस योजना को केरल स्टेट फाइनेंशियल इंटरप्राइजेस के नेतृत्व में शुरू किया जा रहा है।

घरेलू उपकरणों के लिए योजना में कर्ज भी मिलेगा
इस प्रोजेक्ट के तहत घरेलू उपकरणों और बर्तन खरीदने के लिए सरकार की तरफ से कर्ज भी मिलेगा। कमजोर वर्ग वालों से ब्याज भी नहीं लिया जाएगा। पति और पत्नी के संयुक्त नाम से यह कर्ज दिया जाएगा। लौटाने की अवधि एक से पांच साल रहेगी। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि घरेलू उपकरण बाजार में सरकारी दखल से निजी क्षेत्र के कर्ज देने वालों की मनमानी पर रोक लगेगी, क्योंकि वे ज्यादा दरों पर ब्याज लेते हैं।

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