30 मिनट पहले
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किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है, संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर संघ ने आज ग्रामीण भारत बंद बुलाया है। इस बीच किसान आंदोलन से जुड़े कई फोटो और वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं।
- ऐसा ही एक वीडियो एक्स पर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि आंदोलन में पहुंचे किसानों को शराब बांटी जा रही है।
- वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक गाड़ी को घेरे खड़े हैं, वहीं गाड़ी में बैठा शख्स लोगों को बारी-बारी से शराब दे रहा है।
वायरल दावे से जुड़ा वीडियो एक्स यूजर अंकिता ने ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में अंकिता ने किसानों पर तंज कसते हुए लिखा – भूखे प्यासे आंदोलनजीवी #Farmers #FarmersProtests (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
ऐसा ही ट्वीट Baba Banaras™ नाम के वेरिफाइड यूजर ने भी किया। अपने ट्वीट में Baba Banaras™ ने लिखा- शंभू बॉर्डर पर गरीब किसानों को तथाकथित किसान नेताओं द्वारा सुबह की चाय का वितरण किया गया। अब हेटर्स कहेंगे ये शराब है #FarmersProtest। (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
पेशे से खुद को पत्रकार बताने वाले सुधीर मिश्रा ने भी वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- सिंघु बॉर्डर पर “क्रांतिकारी किसानों” को ये “सप्लाई” कहां से आ रही है? किसान आंदोलन में मौज ही मौज 🤪 (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
वेरिफाइड एक्स यूजर अनुपम मिश्रा ने भी वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- अन्नदाता अपने आंदोलन की खुराक लेते हुए 😎 (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
आंदोलन में किसानों को शराब बांटे जाने के दावे की पड़ताल के दौरान हमें रेणुका जैन नाम की एक्स यूजर का ट्वीट मिला। यह ट्वीट 6 फरवरी, 2021 को किया गया था।
ट्वीट का कैप्शन था – किसान आंदोलन के दौरान बांटी गई मुफ्त शराब। (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट का स्क्रीनशॉट:
- यहां तक एक बात स्पष्ट थी कि यह वीडियो मौजूदा किसान आंदोलन का नहीं है। हालांकि, ऐसे में सवाल उठाता है कि क्या यह वीडियो 20-21 में हुए किसान आंदोलन का था ? जवाब है नहीं।
- हमने वायरल वीडियो के की फ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया, साथ ही कीवर्ड्स की मदद से गूगल पर ओपन सर्च की मदद भी ली।
- पड़ताल के दौरान हमें The Trending India नाम के फेसबुक पेज पर यह वीडियो मिला। वीडियो 11 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था। वहीं, किसान आंदोलन की शुरुआत 24-25 सितंबर 2020 से हुई थी।
देखे वीडियो :
स्पष्ट है कि यह वीडियो किसान आंदोलन का नहीं बल्कि कोरोना के दौरान लगे देशव्यापी लॉक डाउन का था। ऐसे में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा कि वर्तमान में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान किसानों को शराब बांटी जा रही है पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
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