केरल HC बोला-वर्किंग वुमन के ट्रांसफर में सहानुभूति रखें संस्थान: वे घर-परिवार भी संभालती हैं, तबादले से करियर पर फर्क पड़ता है

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एर्नाकुलम24 मिनट पहले

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केरल हाईकोर्ट ने वर्किंग वुमन के ट्रांसफर को लेकर अहम टिप्पणी की है।

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार (15 जनवरी) को ऑफिस और संस्थानों को वर्किंग महिलाओं का तबादला करते समय खुले दिमाग से सहानुभूति दिखाने को कहा है। जस्टिस एएम मुश्ताक और जस्टिस शोबा अन्नम्मा ईपेन की पीठ ने कहा, ‘वर्किंग महिलाएं अपने बच्चों, माता-पिता की देखभाल करती हैं और घर-परिवार संभालती हैं। महिलाओं का तबादला नई जगह होने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कोर्ट ने कहा, ‘ट्रांसफर होने से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ता है, पति और बुजुर्ग माता-पिता के देखरेख, अनजाने माहौल में प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ में सामंजस्य बैठाना कठिन होता है। ट्रांसफर से अवसर और करियर की प्रगति में भी दिक्कतें आ सकती हैं।

ट्रांसफर के खिलाफ ट्रिब्यूनल भी गई थीं महिलाएं
दरअसल, दो महिलाओं ने अपने ट्रांसफर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। इन महिलाओं का तबादला कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल एर्नाकुलम से कोल्लम किया गया था। इससे पहले महिलाओं ने ट्रिब्यूनल में अपना पक्ष रखा, जहां इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया।

परिवार वालों के स्वास्थ्य के कारण ट्रांसफर नहीं चहतीं महिलाएं
याचिका लगाने वाली दो महिलाओं में से एक का 17 साल का बेटा 11वीं में पढ़ता है। कोर्ट ने कहा, ‘मिड सेशन में ट्रांसफर से बच्चों पढ़ाई भी बाधित होगी।’ महिला का दूसरा बच्चा 6 साल का है, उसे अस्थमा है। उसे अपनी 89 साल की मां की भी देखभाल करनी है जो उसी पर निर्भर हैं।

दूसरी याचिकाकर्ता महिला का 7 साल का बच्चा है और पति बेंगलुरु में काम करता था। उसकी मां वर्टिगो से पीड़ित है और उन्हें भी लगातार देखभाल की जरूरत है।

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