केरल विश्वविद्यालय सीनेट ने प्रमाणपत्र वापस लेने के लिए नियम परिवर्तन को मंजूरी दी | तिरुवनंतपुरम समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया

कोच्चि/तिरुवनथपुरम: गुरुवार को केरल विश्वविद्यालय प्रबंधकारिणी समिति बैठक में वापस लेने का अधिकार सुरक्षित रखने के लिए अपने क़ानून में संशोधन करने की विश्वविद्यालय की योजनाओं को मंजूरी दी प्रमाण पत्र अगर यह साबित हो जाता है कि उन्हें क़ानून के प्रावधानों के अनुरूप जारी नहीं किया गया था।
केयू सिंडिकेट ने 2019 में केयू को त्रस्त 23 यूजी छात्रों के मॉडरेशन अंकों में हेरफेर के बाद इस तरह के प्रावधान को क़ानून में शामिल करने का निर्णय लिया। हालांकि छात्रों को अनुपातहीन मॉडरेशन प्राप्त हुआ और पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी गई, लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक उनके प्रमाण पत्र रद्द नहीं किए हैं। इस पर कई सदस्यों ने अपनी चिंता व्यक्त की।
केयू अधिकारियों ने कहा कि क़ानून में प्रस्तावित परिवर्तनों का संभावित प्रभाव ही होगा। आलोचकों ने दावा किया कि परिवर्तनों को अपनाने से उन छात्रों को मदद मिल सकती है, जिन्होंने केयू के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जो हेरफेर किए गए मॉडरेशन अंकों की ताकत से प्राप्त अपनी डिग्री को अमान्य कर देते थे।
सीनेट द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को अगली बैठक में ही पारित किया जा सकता है। इसलिए, इसे पारित करने के लिए सीनेट 14 सितंबर को फिर से बैठक करेगी। एक बार चांसलर की सहमति के बाद परिवर्तन लागू होंगे।

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