किसान आंदोलन पर आज आखिरी फैसला: SKM की कमेटी ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग; दोपहर 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की बैठक

चंडीगढ़एक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

दिल्ली बॉर्डर पर 377 दिन से चल रहे किसान आंदोलन पर आज अंतिम फैसला होगा। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की 5 मेंबर वाली हाई पावर कमेटी ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। यह मीटिंग नई दिल्ली में हो रही है। इस मीटिंग में बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले और शिव कुमार कक्का शामिल होंगे।

किसानों को आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केसों की वापसी पर केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है। सूत्रों की मानें तो इसको लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कुछ प्रगति हो सकती है। जिसकी वजह से यह इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। कमेटी के सदस्यों की सीधे भारत सरकार के अफसरों से बातचीत हो सकती है। आज ही 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की मीटिंग होगी, जिसके बाद आंदोलन को वापस लिया जा सकता है।

भारत सरकार से बातचीत को लेकर किसानों की 5 मेंबर वाली कमेटी बनाई गई है।

भारत सरकार से बातचीत को लेकर किसानों की 5 मेंबर वाली कमेटी बनाई गई है।

जिन 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन शुरू हुआ था, केंद्र सरकार उन्हें वापस ले चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद उनकी वापसी पर राष्ट्रपति मुहर लगा चुके हैं। इसके बाद किसान संगठनों पर आंदोलन वापसी का दबाव बना हुआ है।

इन 5 मुद्दों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं किसान

केस: किसानों पर दर्ज केस कब तक वापस होंगे? इसकी समय सीमा क्या है? कौन-कौन से केस वापस होंगे? राज्यों के अलावा केंद्रशासित प्रदेशों और रेलवे ने भी केस दर्ज किए हैं।

एसएमई: MSP कमेटी में कौन से किसान नेता शामिल किए जाएंगे? संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि इसमें किसानों के प्रतिनिधि सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा से ही लिए जाएं। वह किसान नेता न हों, जो विवादित कृषि कानूनों के हक में थे।

मुआवजा: आंदोलन में मरे करीब 700 से ज्यादा किसानों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकारें सहमत हैं। हालांकि SKM की मांग है कि इसमें पंजाब मॉडल अडॉप्ट किया जाए। जिसमें किसानों को 5 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी गई है।

बिजली एक्ट: बिजली एक्ट को संसद में न लाया जाए। यह कानून बना तो किसानों के साथ आम लोगों को भी ज्यादा बिल देना पड़ेगा। केंद्र ने इसमें स्टेक होल्डर्स की राय लेने की बात कही थी, लेकिन SKM सहमत नहीं।

पराली : पराली को लेकर बनाए कानून से किसानों को बाहर किया जा चुका है, लेकिन उसके सेक्शन 15 से किसानों को ऐतराज है। इसमें किसानों पर जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।

दोपहर 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग बुलाई गई है।

दोपहर 2 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग बुलाई गई है।

केंद्र से बात करेगी SKM की 5 मेंबर वाली कमेटी
केंद्र सरकार से बकाया मुद्दों पर बातचीत के लिए SKM ने 5 मेंबरी कमेटी बनाई है। जिसमें पंजाब से बलबीर राजेवाल, उत्तर प्रदेश से युद्धवीर सिंह, मध्यप्रदेश से शिव कुमार कक्का, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम चढ़ूनी शामिल हैं। केंद्र से बातचीत के बाद SKM की मीटिंग में यह नेता पूरी जानकारी रखेंगे और सर्वसम्मति से फैसला लिया जाएगा।

पंजाब के किसान भी केस वापसी पर हरियाणा के साथ
पंजाब के 32 में से अधिकांश किसान संगठन घर वापसी के लिए तैयार हैं। उनकी कृषि कानून वापसी की मुख्य मांग पूरी हो चुकी है। हालांकि, किसानों पर दर्ज केस को लेकर वह हरियाणा के साथ हैं। पंजाब में किसानों पर केस दर्ज नहीं किए गए, लेकिन हरियाणा में हजारों किसानों पर केस दर्ज हैं।

हरियाणा के अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों और रेलवे के भी केस हैं। किसानों का कहना है कि अगर ऐसे ही घर आ गए तो आंदोलन वापसी के बाद केस भुगतने पड़ेंगे। पहले भी हरियाणा के जाट आंदोलन और मध्यप्रदेश के मंदसौर गोलीकांड में ऐसा हो चुका है।

खबरें और भी हैं…

.