कर्नाटक CM का ‘चलो दिल्ली’ आंदोलन: केंद्र सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे; राज्य को टैक्स और फंड्स न देने का आरोप लगाया

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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। उनका आरोप है कि सरकार टैक्स का ट्रांसफर नहीं कर रही है और राज्य को आर्थिक मदद भी नहीं दे रही है। इस प्रदर्शन को चलो दिल्ली नाम दिया गया है। कर्नाटक के अलावा केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना भी केंद्र सरकार पर फंड्स के बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगा चुके हैं।

सिद्धारमैया ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 7 फरवरी के सभी मंत्री, दोनों सदनों के विधायक, सांसद केंद्र सरकार के 15वें फाइनेंस कमीशन की वजह से कर्नाटक पर हो रहे अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा भी कई मसले हैं, जिनके खिलाफ कर्नाटक सरकार प्रदर्शन करेगी, जैसे कि केंद्र सरकार की तरफ से कर्नाटक को पर्याप्त फंड्स भी मुहैया नहीं किए जा रहे हैं।

सिद्धारमैया बोले- 15वां फाइनेंस कमीशन लागू होने के बाद कर्नाटक का टैक्स शेयर कम हुआ
कर्नाटक सीएम के मुताबिक, 15वें फाइनेंस कमीशन के लागू होने के बाद केंद्र की तरफ से मिलने वाले टैक्स शेयर में कर्नाटक की हिस्सेदारी 4.17% से घटकर 3.64% रह गई। इसकी वजह से राज्य को टैक्स में 62,098 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, केंद्र सरकार के वित्तीय अन्याय के खिलाफ चलो दिल्ली मूवमेंट शुरू कर रहे हैं। कल सुबह 11 बजे दिल्ली के जंतर-मंतर पर हम कर्नाटक को मिलने वाले टैक्स शेयर और फंड के बंटवारे में हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएंगे। ये मूवमेंट भाजपा के खिलाफ नहीं है, बल्कि कर्नाटक के लोगों के भले के लिए शुरू किया जा रहा है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि आप चाहे किसी भी पार्टी के हों, आप धरनी सत्याग्रह में भाग लें।

शिवकुमार बोले- भाजपा की डबल इंजन सरकार ने बजट में हमारे साथ अन्याय किया
कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा डबल इंजन की सरकार कहने वाली भाजपा ने पहले भी राज्य को सही अनुदान नहीं दिया। जब हमारी सरकार आई तो हमने धैर्यपूर्वक इंतजार किया, लेकिन इस बार भी बजट में हमारे साथ अन्याय हुआ है।

हम केंद्र सरकार को सहयोग दे रहे हैं, लेकिन केंद्र की तरफ से हमारे साथ लगातार गलत व्यवहार किया जा रहा है। कोरोना के दौरान भी हमें उचित राहत नहीं मिली, भारी बारिश के दौरान भी हमें अनुदान नहीं मिला। भद्रा मेलडांडे परियोजना के लिए 5300 करोड़ नहीं दिए गए।