कर्नाटक जल संकट- 240 में से 223 तहसील सूखा ग्रस्त: शिवकुमार बोले- अब किसी कीमत पर तमिलनाडु को कावेरी का पानी नहीं देंगे

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बेंगलुरु31 मिनट पहले

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बेंगलुरु में ग्राउंड वाटर 1800 फीट से नीचे चला गया है। पानी के टैंकर्स के दाम दोगुने हो गए हैं- फाइल फोटो

कर्नाटक इन दिनों जल संकट से जूझ रहा है। राज्य में कई जगह बोरवेल्स सूख गए हैं। वहीं कर्नाटक सरकार ने 240 तालुकों में से 223 को सूखा घोषित कर दिया है। इनमें से 196 तहसीलें गंभीर रूप से सूखा प्रभावित हैं।

उधर, डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि अब तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होगा।

दरअसल, सरकार पर कृष्णराज सागर बांध से कावेरी का पानी छोड़े जाने के आरोप लग रहे हैं। इसके जवाब में ही शिवकुमार बोले कि यह पानी बेंगलुरु के लिए है, पड़ोसी राज्य के लिए नहीं।

शिवकुमार ने यह भी कहा कि राज्य ने पिछले तीन-चार दशकों में इतना गंभीर सूखा नहीं देखा है, और अगले दो महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हालात उतने भी खराब नहीं हैं, जितने विपक्ष दिखा रहा है।

शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि मालवल्ली में शिव बैलेंसिंग रिजर्वायर को फिर से भरने के लिए केआरएस बांध से कुछ पानी छोड़ा गया था, जहां से इसे बेंगलुरु में पंप किया जाता है। डिप्टी CM ने कहा सरकार बेंगलुरु के नागरिकों को किसी भी कीमत पर पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन जनता को पानी के लिए कुछ घंटों तक इंतजार करना पड़ सकता है।

अवैध बोरवेल खोदने वालों पर होगी कार्रवाई इधर, नागरिक जल बोर्ड ने स्थिति पर काबू पाने के उद्देश्य से एक और कदम उठाते हुए अवैध रूप से बोरवेल खोदने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इसके पहले बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड गाड़ी धोने समेत, गैर-जरूरी कामों के लिए पीने योग्य पानी के इस्तेमाल पर बैन लगा चुका है।

बोर्ड ने कहा कि 15 मार्च से लोगों को आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन देकर बोरवेल ड्रिलिंग की परमिशन लेनी होगी। संबंधित अधिकारी निरीक्षण के बाद मंजूरी देंगे। उल्लंघन करने वालों पर 5 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा।

बेंगलुरु में मल्लथाहल्ली झील लगभग सूख गई है।

बेंगलुरु में मल्लथाहल्ली झील लगभग सूख गई है।

कर्नाटक में 196 तालुकों में जल संकट गंभीर
देश के IT हब बेंगलुरु के 40% बोरवेल सूख चुके हैं। ग्राउंड वाटर 1800 फीट से नीचे चला गया है। पानी के टैंकर्स के दाम दोगुने हो गए हैं, वो भी बड़ी मिन्नतों के बाद मिल पा रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने 240 तालुकों में से 223 को सूखा घोषित किया है। इनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित बताया गया है।

राज्य के जल संसाधन मंत्री शिवकुमार ने बताया कि हालात पर कंट्रोल करने के लिए पानी की आपूर्ति टैंकरों से की जा रही है। प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि पानी की बर्बादी न हो। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका और बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड इस संबंध में सभी प्रयास कर रहे हैं।

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बेंगलुरु में मुख्यमंत्री भी टैंकर के भरोसे:अचानक क्यों सूख गए बोरवेल

कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार के बेंगलुरु स्थित घर का बोरवेल सूख चुका है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आवास पर भी पानी का टैंकर जाते देखा गया। सरकार में सबसे उच्च पद पर बैठे दोनों नेताओं का हाल देखकर शहर के आम लोगों की मुश्किलों का अंदाजा लगाना बेहद आसान है। पढ़ें पूरी खबर…

बेंगलुरु में पानी की कमी, टैंकर वसूल रहे मनमाना पैसा

बेंगलुरु शहर पानी की भारी किल्लत से जूझ रहा है। कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने कहा कि शहर में 3 हजार से अधिक बोरवेल सूख गए हैं, जिनमें उनके घर का बोर भी शामिल है। वहीं शहर के टैंकर वाले 5 हजार लीटर के लिए 500 रुपए की जगह 2 हजार रुपए वसूल रहे हैं।

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