कर्तव्य पथ पर दिखे अयोध्या के रामलला: ISRO की झांकी में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग; गुजरात की झांकी में देश का बेस्ट टूरिज्म विलेज धोर्डो

नई दिल्ली4 घंटे पहले

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75वें गणतंत्र दिवस पर 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों और 9 मंत्रालयों की झांकियां कर्तव्य पथ पर दिखीं।

75वें गणतंत्र दिवस पर 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों और 9 मंत्रालयों की झांकियां कर्तव्य पथ पर दिखीं। इस बार सबसे खास इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) और उत्तर प्रदेश की झांकी रही। ISRO की झांकी में इस बार चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को दिखाया गया।

इसमें लैंडिंग पॉइंट (शिव शक्ति पॉइंट) पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को दर्शाया गया। 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया था, जिसने 23 अगस्त को चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग की थी।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की झांकी में रामलला का छोटा स्वरूप दिखाया गया। मेरठ रैपिड रेल और ब्रह्मोस मिसाइल को झांकी में शामिल किया गया, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग के लिए राज्य में एक प्लांट डेवलप कर रही है।

इनके अलावा गुजरात की झांकी में कच्छ का धोर्डो गांव दिखाया गया। इसमें कच्छ की संस्कृति को दर्शाया गया। धोर्डो देश का बेस्ट टूरिज्म विलेज है। इसे UN ने दुनिया के 54 टूरिज्म विलेज में जगह दी है।

कर्तव्य पथ पर झांकियों की 16 तस्वीरें…

1. उत्तर प्रदेश की झांकी: प्रभु श्रीराम का बाल स्वरूप, रैपिड रेल और ब्रह्मोस मिसाइल

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यूपी की झांकी में भी श्री रामलला का बाल स्वरूप नजर आया। इसके अलावा साधुओं को भी दिखाया गया। वहीं रैपिड रेल मॉडल और ब्रह्मोस मिसाइल भी इस झांकी में शामिल रही।

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यूपी की झांकी में भी श्री रामलला का बाल स्वरूप नजर आया। इसके अलावा साधुओं को भी दिखाया गया। वहीं रैपिड रेल मॉडल और ब्रह्मोस मिसाइल भी इस झांकी में शामिल रही।

2. छत्तीसगढ़ की झांकी: बस्तर की 600 साल पुरानी मुरिया दरबार की परंपरा

छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर की 600 साल पुरानी मुरिया दरबार की परंपरा को दिखाया गया। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा मुरिया दरबार के साथ संपन्न होता है। इसमें आदिवासी, राजा और जन प्रतिनिधि चर्चा करते हैं।

छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर की 600 साल पुरानी मुरिया दरबार की परंपरा को दिखाया गया। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा मुरिया दरबार के साथ संपन्न होता है। इसमें आदिवासी, राजा और जन प्रतिनिधि चर्चा करते हैं।

3. मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी, फाइटर प्लेन

सबसे आगे मध्य प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी का स्टैच्यू है। साथ में एक फाइटर प्लेन का मॉडल है। झांकी में बर्तनों पर पेंटिंग करती महिला कलाकारों, चंदेरी के बादल महल द्वार और चंदेरी, महेश्वर और बाग प्रिंट साड़ियों के बुनकरों को भी दर्शाया गया है

सबसे आगे मध्य प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी का स्टैच्यू है। साथ में एक फाइटर प्लेन का मॉडल है। झांकी में बर्तनों पर पेंटिंग करती महिला कलाकारों, चंदेरी के बादल महल द्वार और चंदेरी, महेश्वर और बाग प्रिंट साड़ियों के बुनकरों को भी दर्शाया गया है

4. राजस्थान की झांकी: मीरा बाई और घूमर नृत्य

राजस्थान की झांकी महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास और राज्य की उत्सव संस्कृति को प्रदर्शित कर रही है। झांकी में राजस्थान की कठपुतली कला देखने को मिली। हस्तशिल्प परंपराओं बंधेज, बगरू प्रिंट भी नजर आया।

राजस्थान की झांकी महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास और राज्य की उत्सव संस्कृति को प्रदर्शित कर रही है। झांकी में राजस्थान की कठपुतली कला देखने को मिली। हस्तशिल्प परंपराओं बंधेज, बगरू प्रिंट भी नजर आया।

5. झारखंड की झांकी: तसर उत्पादन के साथ सोहराय और कोहबर पेंटिंग

कर्तव्य पथ पर झारखंड की झांकी में राज्य में होने वाले तसर उत्पादन को दर्शाया गया। झारखंड देश में सबसे ज्यादा तसर उत्पादन करने वाला राज्य है। झांकी को सोहराय और कोहबर पेंटिंग से सजाया गया था।

कर्तव्य पथ पर झारखंड की झांकी में राज्य में होने वाले तसर उत्पादन को दर्शाया गया। झारखंड देश में सबसे ज्यादा तसर उत्पादन करने वाला राज्य है। झांकी को सोहराय और कोहबर पेंटिंग से सजाया गया था।

6. हरियाणा: मेरा परिवार – मेरी पहचान पर फोकस, महिला सशक्तिकरण को दिखाया गया

हरियाणा की झांकी में सरकारी कार्यक्रम 'मेरा परिवार - मेरी पहचान' पर फोकस किया गया। इसके जरिए महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखा गया। झांकी में हरियाणवी छात्राएं डिजिटल गैजेट पकड़े हुए नजर आईं।

हरियाणा की झांकी में सरकारी कार्यक्रम ‘मेरा परिवार – मेरी पहचान’ पर फोकस किया गया। इसके जरिए महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखा गया। झांकी में हरियाणवी छात्राएं डिजिटल गैजेट पकड़े हुए नजर आईं।

7. ओडिशा की झांकी: हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी

ओडिशा की गणतंत्र दिवस की झांकी में रघुराजपुर शिल्प गांव को दिखाया गया। इसके अलावा हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाया गया। पारंपरिक कलाओं के संरक्षण और प्रचार में उनकी भूमिका को महत्व दिया गया।

ओडिशा की गणतंत्र दिवस की झांकी में रघुराजपुर शिल्प गांव को दिखाया गया। इसके अलावा हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को दर्शाया गया। पारंपरिक कलाओं के संरक्षण और प्रचार में उनकी भूमिका को महत्व दिया गया।

8. आंध्र प्रदेश की झांकी: एजुकेशन ट्रांसफॉर्मेशन, गांव के स्कूल से मॉर्डन प्ले स्कूल तक

आंध्र प्रदेश की झांकी एजुकेशन ट्रासफॉर्मेशन पर बेस्ड रही। सामने के हिस्से में एक गांव की क्लास को दिखाई गई। पीछे के हिस्से में मॉर्डन प्ले स्कूल और साइंस लैबोरेटरी नजर आई। बीच के हिस्से में टैब में पढ़ते हुए बच्चे दिखाए गए।

आंध्र प्रदेश की झांकी एजुकेशन ट्रासफॉर्मेशन पर बेस्ड रही। सामने के हिस्से में एक गांव की क्लास को दिखाई गई। पीछे के हिस्से में मॉर्डन प्ले स्कूल और साइंस लैबोरेटरी नजर आई। बीच के हिस्से में टैब में पढ़ते हुए बच्चे दिखाए गए।

9. तमिलनाडु: प्राकृतिक झलक, पीछे मंदिर, वाद्य यंत्र बजाते हुए कलाकार

तमिलनाडु की झांकी में वहां के गांव की झलक दिखी। झांकी में सबसे आगे महिलाओं और पुरुषों को दिखाया गया, जो हाथ जोड़े खड़े हैं। उनके आगे एक बच्चा है। इसके अलावा पीछे पेड़ नजर आ रहे हैं। इसमें प्राकृतिक झलक दिखी।

तमिलनाडु की झांकी में वहां के गांव की झलक दिखी। झांकी में सबसे आगे महिलाओं और पुरुषों को दिखाया गया, जो हाथ जोड़े खड़े हैं। उनके आगे एक बच्चा है। इसके अलावा पीछे पेड़ नजर आ रहे हैं। इसमें प्राकृतिक झलक दिखी।

10. महाराष्ट्र: शिवाजी महाराज की जीवनी, जीजा बाई शिक्षा देती हुई

छत्रपति शिवाजी महाराज के बचपन से लेकर उनके राज्याभिषेक तक का सफर दिखाया गया। झांकी में राजमाता जीजाबाई, शिवाजी को राजनीति, समता, न्याय की शिक्षा देती नजर आईं। मध्य में अष्टप्रधान मंडल का दरबार है।

छत्रपति शिवाजी महाराज के बचपन से लेकर उनके राज्याभिषेक तक का सफर दिखाया गया। झांकी में राजमाता जीजाबाई, शिवाजी को राजनीति, समता, न्याय की शिक्षा देती नजर आईं। मध्य में अष्टप्रधान मंडल का दरबार है।

11. तेलंगाना: स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को महत्व, तीसरी बार परेड में शामिल हुई झांकी

तेलंगाना की झांकी में कोमारमभीम, चकली इलम्मा, रामजी गोंड और अन्य जैसे तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को दर्शाया गया। तेलंगाना की झांकी तीसरी बार कर्तव्य पथ पर नजर आई। इससे पहले 2015 और 2020 में झांकी प्रदर्शित की गई थी।

तेलंगाना की झांकी में कोमारमभीम, चकली इलम्मा, रामजी गोंड और अन्य जैसे तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को दर्शाया गया। तेलंगाना की झांकी तीसरी बार कर्तव्य पथ पर नजर आई। इससे पहले 2015 और 2020 में झांकी प्रदर्शित की गई थी।

12. लद्दाख: भारतीय महिला आइस हॉकी टीम, महिलाओं का खेल जगत में योगदान

लद्दाख की झांकी में भारतीय महिला आइस हॉकी टीम को दिखाया गया। इसका मकसद लद्दाखी महिलाओं का खेल जगत में योगदान और उपल्ब्धियां दर्शाना था। वहीं झांकी के आखिरी हिस्से में प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों को दिखाया गया।

लद्दाख की झांकी में भारतीय महिला आइस हॉकी टीम को दिखाया गया। इसका मकसद लद्दाखी महिलाओं का खेल जगत में योगदान और उपल्ब्धियां दर्शाना था। वहीं झांकी के आखिरी हिस्से में प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों को दिखाया गया।

13. गुजरात: धोर्डो गांव पर फोकस, बेस्ट टूरिज्म विलेज में गिना जाता है

गुजरात की झांकी को धोर्डो गांव पर फोकस रखा गया। यह गांव बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में जाना जाता है। इसे UN ने दुनिया के 54 टूरिज्म विलेज में जगह दी है। झांकी में गांव के भुंगा घर, रोगन कला, रण उत्सव, टेंट सिटी दिखाई गई।

गुजरात की झांकी को धोर्डो गांव पर फोकस रखा गया। यह गांव बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में जाना जाता है। इसे UN ने दुनिया के 54 टूरिज्म विलेज में जगह दी है। झांकी में गांव के भुंगा घर, रोगन कला, रण उत्सव, टेंट सिटी दिखाई गई।

14. अरुणाचल प्रदेश: पक्षियों पर फोकस रहा, कलाकारों ने स्थानीय डांस किया

अरुणाचल प्रदेश की झांकी पक्षियों पर बेस्ड रही। इसमें बुगुन लिओसिचला पक्षी को दिखाया गया। जिसे सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में ही साल 2006 में खोजा गया था। इसके अलावा झांकी में स्थानीय कलाकार डांस करते नजर आए।

अरुणाचल प्रदेश की झांकी पक्षियों पर बेस्ड रही। इसमें बुगुन लिओसिचला पक्षी को दिखाया गया। जिसे सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में ही साल 2006 में खोजा गया था। इसके अलावा झांकी में स्थानीय कलाकार डांस करते नजर आए।

15. मेघालय: झांकी में स्थानीय संस्कृति, बाघ और शावक, गांव का घर

मेघालय की झांकी में सबसे आगे दो महिलाओं और एक पुरुष को दिखाया गया। उनके पीछे एक पेड़ और बाघ और शावक नजर आया। सबसे पीछे गांव की एक झोपड़ी दिखाई गई। वहीं झांकी सुंदर फूलों से सजी रही।

मेघालय की झांकी में सबसे आगे दो महिलाओं और एक पुरुष को दिखाया गया। उनके पीछे एक पेड़ और बाघ और शावक नजर आया। सबसे पीछे गांव की एक झोपड़ी दिखाई गई। वहीं झांकी सुंदर फूलों से सजी रही।

16. मणिपुर: राज्य की लोकतक झील, 500 साल पुरानी इमा कीथल मार्केट

मणिपुर की झांकी में महिलाओं को कमल के तने के नाजुक रेशों से 'चरखे' का उपयोग करके सूत बनाते हुए दिखाया गया। सामने वाले हिस्से में मणिपुर की लोकतक झील है। झांकी में मणिपुर की 500 साल पुरानी इमा कीथल मार्केट भी दिखाई गई है।

मणिपुर की झांकी में महिलाओं को कमल के तने के नाजुक रेशों से ‘चरखे’ का उपयोग करके सूत बनाते हुए दिखाया गया। सामने वाले हिस्से में मणिपुर की लोकतक झील है। झांकी में मणिपुर की 500 साल पुरानी इमा कीथल मार्केट भी दिखाई गई है।