ओवैसी बोले- CAA धर्म के आधार पर बनाया गया: इसका मकसद मुस्लिमों-दलितों को परेशान करना, हम कानून का विरोध करते रहेंगे

  • Hindi News
  • National
  • Asaduddin Owaisi On Amit Shah; Citizenship Amendment Act (CAA) | Lok Sabha Election

हैदराबाद16 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

फाइल फोटो

हैदराबाद के सांसद और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार (11 फरवरी) को कहा कि सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) धर्म के आधार पर बनाया गया है। इसका मकसद मुस्लिमों, दलितों और गरीबों को परेशान करना है। AIMIM हमेशा इसके खिलाफ रही है और इसका विरोध करती रहेगी।

दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह ने 10 फरवरी को कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में CAA लागू होगा। गृह मंत्री ने कहा कि हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिमों को उकसाया जा रहा है। CAA किसी की सिटिजनशिप नहीं छीन सकता, क्योंकि इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है।

शाह ने कोलकाता में कहा था- CAA को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता
पिछले साल दिसंबर में कोलकाता में एक रैली के दौरान भी गृह मंत्री ने कहा था कि CAA को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। शाह ने घुसपैठ, भ्रष्टाचार, राजनीतिक हिंसा और तुष्टीकरण के मुद्दों पर ममता बनर्जी काे घेरा था। उन्होंने लोगों से ममता सरकार को बंगाल से हटाने और 2026 विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनने का आग्रह किया था।

वहीं, 12 दिन पहले केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि मैं गांरटी देता हूं कि देशभर में 7 दिनों के अंदर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा। बनगांव से भाजपा के सांसद ठाकुर दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

शांतनु ठाकुर ने कहा था कि पश्चिम बंगाल ही नहीं, देशभर में अगले 7 दिनों के अंदर CAA लागू हो जाएगा।

शांतनु ठाकुर ने कहा था कि पश्चिम बंगाल ही नहीं, देशभर में अगले 7 दिनों के अंदर CAA लागू हो जाएगा।

2019 में लोकसभा-राज्यसभा से बिल पास हो चुका
11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (CAB) के पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था।

1955 के कानून में किए गए बदलाव
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। ये बदलाव थे, भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी।

विरोध में भड़के दंगों में 50 से ज्यादा जानें गईं
लोकसभा में आने से पहले ही ये बिल विवाद में था, लेकिन जब ये कानून बन गया तो उसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए। 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगों में तब्दील हो गई।

देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून का जमकर विरोध हुआ और आंदोलनकारियों ने केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।

देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून का जमकर विरोध हुआ और आंदोलनकारियों ने केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।

चार राज्यों में CAA के विरोध में प्रस्ताव पारित हो चुका है
CAA बिल के संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद 4 राज्य इसके विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। सबसे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिसंबर 2019 में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है। इसमें नागरिकता देने से धर्म के आधार पर भेदभाव होगा।

इसके बाद पंजाब और राजस्थान सरकार ने विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। चौथा राज्य पश्चिम बंगाल था, जहां इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया। पश्चिम बंगाल की CM ने कहा था- बंगाल में हम CAA, NPR और NRC की अनुमति नहीं देंगे।

ये खबरें भी पढ़ें…

बजट सत्र का आखिरी दिन:ओवैसी ने बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए; शाह बोले- जो इतिहास नहीं पहचानते, वजूद खो देते हैं

संसद में बजट सेशन का आज आखिरी दिन है। दोपहर में राज्यसभा में राम मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- 22 जनवरी का दिन 10 सहस्त्र सालों के लिए ऐतिहासिक दिन बनने वाला है। ये सबको समझना चाहिए। जो इतिहास को नहीं पहचानते हैं, वो अपने वजूद को खो देते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

राहुल गांधी बोले- नरेंद्र मोदी जी OBC नहीं पैदा हुए:कहा- वे गुजरात की तेली जाति में जन्मे, भाजपा ने इसे 2000 में OBC दर्जा दिया

राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा गुरुवार को ओडिशा से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंची। यहां राहुल ने कहा- “मोदी जी पार्लियामेंट में कहते हैं OBC वर्ग को भागीदारी की क्या जरूरत, मैं OBC हूं। सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप लोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी जी OBC नहीं पैदा हुए थे। नरेंद्र मोदी जी तेली कास्ट में गुजरात में पैदा हुए थे। उनको उनकी कम्युनिटी को बीजेपी ने साल 2000 में OBC बनाया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…