असम-मिजोरम सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमति बनी: दोनों राज्य के मुख्यमंत्रियों ने कहा- सीमा वार्ता चलने तक बार्डर पर शांति बनाएं रखेंगे

कुछ ही क्षण पहले

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असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने मिजोरम के CM से लालडुहोमा से सीमा विवाद सुलझाने के लिए चर्चा की है।

असम और मिजोरम के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्य के मुख्यमंत्रियों ने सहमति जताई है। शुक्रवार (9 फरवरी) को असम के CM हिमंत बिस्व सरमा ने मिजोरम के CM लालडुहोमा को भोजन के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद पर बातचीत की।

हिमंत बिस्व सरमा ने मिजोरम के CM से कहा कि असम विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने पर वह सीमा प्रभारी मंत्री को मिजोरम भेजेंगे। दोनों नेताओं ने राज्यों की सीमाओं पर शांति बनाए रखने के लिए सहमति बनाई है।

इससे पहले सीमा विवाद सुलझाने के लिए मिजोरम में जोराम पीपुल्स मूवमेंट (JPM) सरकार ने नई सीमा समिति का गठन भी किया था।

असम-मिजोरम के बीच 164.6 किमी का बॉर्डर
मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। दोनों राज्यों में सीमा विवाद 100 साल पहले ब्रिटिश राज के समय से चला आ रहा है। तब मिजोरम को असम के लुशाई हिल्स के रूप में जाना जाता था।

असम-मिजोरम के बीच जमीन को लेकर विवाद

  • 1950 में असम भारत का राज्य बन गया। उस समय असम में आज के नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम आते थे। ये राज्य असम से अलग हो गए तो उनके असम से सीमा विवाद रहने लगे। नॉर्थ ईस्टर्न एरिया (रीऑर्गेनाइजेशन) एक्ट 1971 के तहत असम से तीन नए राज्य बनाए गए थे- मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा।
  • 1987 में मिजो पीस एकॉर्ड के तहत मिजोरम को अलग राज्य बनाया गया। यह मिजो ट्राइब्स और केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत था। इसका आधार 1933 का सीमा नियम था। पर मिजो ट्राइब्स का कहना है कि उन्होंने 1875 ILR बॉर्डर को स्वीकार किया, इसके बाद सीमा पर लगातार विवाद बढ़ता गया। यानी असम 1933 में बनी सीमा को मान्यता देता है और मिजोरम 1875 में बनी सीमा को। यह ही विवाद की असली जड़ है।
  • असम सरकार ने विधानसभा में बताया कि मिजोरम के लोगों ने बराक घाटी क्षेत्र में असम के तीन जिलों में 1,777.58 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इसमें सर्वाधिक 1000 हेक्टेयर जमीन पर हैलाकांदी जिले में अवैध कब्जा किया गया। मिजोरम ने 16 जुलाई को आरोप लगाया कि असम उसकी जमीन पर दावा कर रहा है। इन सीमावर्ती गांवों में 100 साल से ज्यादा समय से मिजो ट्राइब्स रह रहे हैं।

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