असम: पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे को सीबीआई ने गिरफ्तार किया, आज कोर्ट में करेगी पेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी

द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेट किया गया सोम, 08 नवंबर 2021 12:54 PM IS

सार

कर्ज न चुकाने के एक मामले में सीबीआई ने रविवार को असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे अशोक सैकिया को गिरफ्तार कर लिया है। अशोक को अब सोमवार को अदालत के सामने पेश किया जाएगा।

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सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने रविवार को असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे अशोक सैकिया को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने यह कार्रवाई 25 साल पुराने लगभग नौ लाख रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में की है।

एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अशोक सैकिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद की गई। उन्होंने बताया कि बार-बार समन जारी होने के बाद भी अशोक सैकिया अदालत के सामने पेश नहीं हो रहे थे। अशोक सैकिया ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि “राजनीति से प्रेरित मामला 1996 में दर्ज किया गया था। मैंने ऋण का भुगतान कर दिया है और पावती भी प्राप्त की है। मैं इसे अदालत में जमा करूंगा।”

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की गुवाहाटी टीम ने अशोक सैकिया से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर उनके बड़े भाई एवं असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने बताया कि अशोक सैकिया को सीबीआई अधिकारियों की एक टीम रविवार शाम अपने साथ ले गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्हें हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया है। असल में, मुझे नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है। यह बहुत पुराना मामला है और कर्ज चुका दिया गया था। बैंक ने अदालत को नहीं बताया और यह बैंक की गलती है।”

पेशे से कारोबारी, अशोक सैकिया ने अपने बड़े भाई के माध्यम से एक बयान जारी किया और कहा कि उन्होंने असम राज्य सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (एएससीएआरडी) से 1996 में कर्ज लिया था।

उन्होंने कहा, “बाद में, मैंने 2011 में एएससीएआरडी के पत्र के मुताबिक कर्ज चुका दिया था। बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक ने 28 अक्तूबर, 2015 के एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से बताया कि कोई बकाया नहीं है। सीबीआई की टीम अचानक हमारे घर आई और कहा कि मेरा कर्ज बकाया है। मुझे सीबीआई या अदालत से कोई नोटिस नहीं मिला था।”

कारोबारी सैकिया ने कहा, “मुझे नहीं पता कि सीबीआई मुझे निराधार और काल्पनिक मामले में क्यों शामिल कर रही है। केवल सीबीआई या सरकार को ही इसका पता होगा।” देवव्रत सैकिया ने बैंक का कथित प्रमाण-पत्र भी साझा किया जिसमें लिखा है कि उन्होंने मूलधन और ब्याज दोनों का पूरा भुगतान कर दिया है।

विस्तार

सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने रविवार को असम के पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे अशोक सैकिया को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने यह कार्रवाई 25 साल पुराने लगभग नौ लाख रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में की है।

एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अशोक सैकिया के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद की गई। उन्होंने बताया कि बार-बार समन जारी होने के बाद भी अशोक सैकिया अदालत के सामने पेश नहीं हो रहे थे। अशोक सैकिया ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि “राजनीति से प्रेरित मामला 1996 में दर्ज किया गया था। मैंने ऋण का भुगतान कर दिया है और पावती भी प्राप्त की है। मैं इसे अदालत में जमा करूंगा।”

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की गुवाहाटी टीम ने अशोक सैकिया से पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर उनके बड़े भाई एवं असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने बताया कि अशोक सैकिया को सीबीआई अधिकारियों की एक टीम रविवार शाम अपने साथ ले गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्हें हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया है। असल में, मुझे नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है। यह बहुत पुराना मामला है और कर्ज चुका दिया गया था। बैंक ने अदालत को नहीं बताया और यह बैंक की गलती है।”

पेशे से कारोबारी, अशोक सैकिया ने अपने बड़े भाई के माध्यम से एक बयान जारी किया और कहा कि उन्होंने असम राज्य सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (एएससीएआरडी) से 1996 में कर्ज लिया था।

उन्होंने कहा, “बाद में, मैंने 2011 में एएससीएआरडी के पत्र के मुताबिक कर्ज चुका दिया था। बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक ने 28 अक्तूबर, 2015 के एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से बताया कि कोई बकाया नहीं है। सीबीआई की टीम अचानक हमारे घर आई और कहा कि मेरा कर्ज बकाया है। मुझे सीबीआई या अदालत से कोई नोटिस नहीं मिला था।”

कारोबारी सैकिया ने कहा, “मुझे नहीं पता कि सीबीआई मुझे निराधार और काल्पनिक मामले में क्यों शामिल कर रही है। केवल सीबीआई या सरकार को ही इसका पता होगा।” देवव्रत सैकिया ने बैंक का कथित प्रमाण-पत्र भी साझा किया जिसमें लिखा है कि उन्होंने मूलधन और ब्याज दोनों का पूरा भुगतान कर दिया है।

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