अमेजन मामले में मजिस्ट्रियल जांच करवा सकता है केंद्र: 8,546 करोड़ रुपए की लीगल फीस 2 साल में कैसे संभव, कंपनी सवालों के घेरे में आई

नई दिल्ली9 घंटे पहले

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सरकार अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में अमेजन के कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच करेगी।

ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन द्वारा भारत में लीगल फीस के नाम पर 8,546 करोड़ रुपए का भुगतान दिखाने का भंडाफोड़ होने के बाद कंपनी सवालाें के घेरे में आ गई है। कानून के जानकारों का कहना है कि भारत में इतनी बड़ी लीगल फीस असंभव है। संभवत: इस राशि का इस्तेमाल घूस देने, मनी लॉन्ड्रिंग में या टैक्स चोरी के लिए किया गया है। छोटे कारोबारियों के संगठन कैट ने भी कहा है कि अमेजन ने ई-कॉमर्स के नियम बदलवाने के लिए इस राशि का इस्तेमाल रिश्वत देने में किया है।

इससे छोटे कारोबारियों का नुकसान हो रहा है। साइबर कानून मामलों के जानकार व सुप्रीम कोर्ट एडवाेकेट विराग गुप्ता के मुताबिक, ‘देश के कानून मंत्रालय का बजट 2,645 करोड़ रु. है। इसमें 11 सौ करोड़ कैपिटल एक्सपेंडिचर है। 1,545 करोड़ का बजट बचता है, जबकि अमेजन अपनी लीगल फीस पर 8,546 करोड़ खर्च बता रही है। यह डिजिटल उपनिवेशवाद जैसा है।’

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड अश्विनी दुबे ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी लीगल खर्च इतना नहीं है। अमेजन पर कानूनी केस भी कम रहे हैं। सीधी बात है पैसा किसी और काम में खर्च हो रहा था।’ अमेजन की दो साल में आय 42,085 करोड़ रुपए रही।

सरकारी अफसर भी संलिप्त, CBI से जांच कराई जाए
छोटे कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि यह राशि दिखाती है कि कैसे अमेजन और उसकी सहायक कंपनियां भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने और नियमों में हेरफेर के लिए वित्तीय ताकत का दुरुपयोग कर रही हैं। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है कि रिश्वतखोरी का मामला बेहद संगीन है। इसमें अमेजन के साथ सरकारी अधिकारी भी संलिप्त हैं। ऐसे में इस सनसनीखेज घोटाले की तत्काल सीबीआई जांच जरूरी है।

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस: सरकार
केंद्र सरकार इस घूसकांड की जांच करा सकती है। केंद्र के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नीति भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की है। इसी के तहत सरकार अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में अमेजन के कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच करेगी। हालांकि वाणिज्यिक मंत्रालय के शीर्ष सूत्र ने भास्कर को बताया कि इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच की ही संभावना है। केंद्र के अधिकारियों के मुताबिक, ‘अमेजन कंपनी ने कानूनी फीस पर 8,546 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सवाल उठता है कि यह पैसा कहां जा रहा था। लगता है कि कंपनी की पूरी प्रणाली घूस पर काम करती है।’

कानूनी जानकारों की राय, इन पक्षों पर हो जांच
1. जिन लॉ फर्म में पैसे खर्च किए हैं, उनमें सिर्फ भारतीय फर्म हैं, या विदेशी लॉ फर्म भी हैं? देश में विदेशी लॉ फर्म को प्रैक्टिस की करने अनुमति नहीं है।
कौन करे जांच: बार काउंसिल

2. घाटे वाली कंपनी बड़ी राशि लीगल केस में कैसे दे रही थी?
कौन करे जांच: ED, आयकर

3. 2 साल में किससे कितना लेनदेन किया, फॉरेंसिक ऑडिट हो।
कौन करे जांच: प्रतिस्पर्धा आयोग

4. भारत में लॉबीइंग अवैध है। क्या अमेजन ने ये पैसे लॉबीइंग और भ्रष्टाचार पर खर्च किए? क्या कोई नीति में बदलाव कराया?
कौन करे जांच: CBI

5. अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर रकम चुकाई है। ऐसे में इन कंपनियाें के आपस में रिश्तों की भी जांच हो।
कौन करे जांच: कंपनी मामलों का मंत्रालय।

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