अनिल अंबानी, पूर्व सीबीआई प्रमुख संदिग्ध पेगासस लक्ष्यों की नई सूची में; तुम्हें सिर्फ ज्ञान की आवश्यकता है

नई दिल्ली: पेगासस स्पाइवेयर के संदिग्ध लक्ष्यों की नई सूची में, उद्योगपति अनिल अंबानी और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (रिलायंस एडीएजी) के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी का नाम उनके फोन हैक होने के संदेह में शामिल है।

कई और नामों की सूची गुरुवार को तब जारी की गई जब यह बताया गया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव इजरायली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के संभावित लक्ष्यों में शामिल थे।

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समाचार वेबसाइट के अनुसार तारपेगासस परियोजना समूह के मीडिया भागीदारों द्वारा विश्लेषण की गई लीक सूची में अनिल अंबानी और रिलायंस एडीएजी के एक अन्य कार्यकारी द्वारा उपयोग किए गए फोन नंबर शामिल हैं।

हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि अनिल अंबानी फिलहाल उस फोन नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। फिलहाल एडीएजी की ओर से रिपोर्ट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डसॉल्ट एविएशन के प्रतिनिधि वेंकट राव पोसीना, साब इंडिया के पूर्व प्रमुख इंद्रजीत सियाल और बोइंग इंडिया के बॉस प्रत्यूष कुमार का फोन नंबर भी सूची में था।

लीक हुए आंकड़ों में फ्रांस की कंपनी एनर्जी ईडीएफ के प्रमुख हरमनजीत नेगी का फोन नंबर भी शामिल है। वह इस अवधि के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा के दौरान आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

तार यह भी बताया कि पूर्व सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा, जिन्हें केंद्र सरकार के साथ झड़प के बाद 2018 में बर्खास्त कर दिया गया था, भी लीक सूची में थे। उन्हें पद से हटाए जाने के कुछ ही घंटों बाद जोड़े जाने की बात कही गई थी।

‘पेगासस प्रोजेक्ट’ पर रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि 40 से अधिक पत्रकार, 3 प्रमुख विपक्षी नेता, 1 संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में 2 सेवारत मंत्री, वर्तमान और पूर्व प्रमुख और सुरक्षा संगठनों के अधिकारी, और बड़ी संख्या में व्यवसायी इसका हिस्सा थे। पेगासस परियोजना के संभावित या पिछले पीड़ितों की सूची।

अभिभावक तथा वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया कि भारत सरकार सहित दुनिया की कई सरकारें, पेगासस नामक एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रख्यात हस्तियों की जासूसी कर रही हैं, जिसे इजरायल की निगरानी कंपनी एनएसओ द्वारा विभिन्न देशों की सरकारों को बेचा जाता है।

विपक्षी दल जहां दावों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं केंद्र ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है.

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