मणिपुर CM बोले-1961 के बाद आए लोगों को बाहर निकालेंगे: चाहे किसी जाति के हों; यहां 2019 से इनर लाइन परमिट लागू, बिना परमिशन एंट्री नहीं

इम्फाल4 मिनट पहले

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार (12 फरवरी) को ऐलान किया कि 1961 के बाद राज्य में आए लोगों को बाहर निकाला जाएगा। उन्होंने कहा- 1961 के बाद मणिपुर आने और बसने वाले लोगों की पहचान की जाएगी। वे किसी भी जाति या समुदाय के हों, उन्हें बाहर किया जाएगा।

मणिपुर सरकार का ये फैसला राज्य के स्थानीय जाति समूहों के लोगों की रक्षा को लेकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में मई 2023 से सांप्रदायिक हिंसा जारी है। सीएम बीरेन ​​​​ने हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों, खासकर म्यांमार के शरणार्थियों को दोषी ठहराया था।

केंद्र सरकार ने 2019 में मणिपुर में इनर लाइन परमिट (ILP) सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। जिस राज्य में ILP लागू होता है, वहां बिना परमिशन के गैर-मूल निवासियों की एंट्री पर रोक होती है। ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत ILP लागू किया गया था।

हालांकि, 1950 में मणिपुर से ILP हटा लिया गया था। इसे दोबारा लागू करने के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी। केंद्र के फैसले के बाद 1 जनवरी, 2020 से ILP मणिपुर में लागू हुआ। राज्य सरकार ने 2022 में ILP के तहत प्रवासियों के लिए 1961 को बेस ईयर माना। 1961 से पहले राज्य में बाहर से आए लोगों मूल निवासी नहीं मानने का प्रावधान किया।

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