SC ने पूछा- आपदा में शवों को कैसे संभालते हैं: महामारी में हुई मौतों पर संज्ञान लिया, केंद्र को तीन हफ्ते में जवाब देना होगा

नई दिल्लीएक मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को केंद्र सरकार से पूछा कि आपदा में शवों को कैसे संभालते हैं। अदालत कोर्ट ने महामारी के दौरान हुई मौतों को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था। कई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस दौरान अस्पतालों की मॉर्चुरी और श्मशान में शवों को खराब तरीके से रखे जाने की बात सामने आई थी। कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि कोरोना के दौरान ना तो मैंने अपनी मां का चेहरा देखा और ना ही उनका अंतिम संस्कार किया। जबकि सच ये है कि उनकी मौत कोविड-19 से नहीं हुई थी।

बॉडी बदल दी गई थी
द प्रॉपर ट्रीटमेंट ऑफ कोविड-19 पेशेंट्स एंड डिग्नीफाइड हैंडलिंग ऑफ डेड बॉडीज इन हॉस्पिटल्स (कोविड मरीजों का उचित इलाज और अस्पतालों में शवों का सही रखरखाव) नाम से केस दायर किया गया। सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि मेरे मुवक्किल की मां बदल दी गईं और अस्पताल ने उन्हें किसी और की बॉडी दे दी।

कोर्ट ने सरकार से 3 हफ्ते में जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा थे। बेंच ने हस्तक्षेपकर्ता के वकील से कहा कि आपने जो मुद्दा उठाया है, उसका दो-तीन पेज में शॉर्ट नोट बनाकर पेश करें, ताकि हम उसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भेज सकें।

बेंच ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार 3 हफ्ते में हलफनामा दायर कर बताए कि आपदा और गैर-आपदा काल में शवों को संभालने की प्रक्रिया क्या है? इस मुद्दे पर अब नवंबर में सुनवाई होगी।

खबरें और भी हैं…