HC ने जावेद अख्तर के मामले के खिलाफ कंगना रनौत की याचिका में फैसला सुरक्षित रखा

एडवोकेट सिद्दीकी ने कहा कि शिकायत की सत्यता की जांच करने के लिए मजिस्ट्रेट ‘ड्यूटी बाउंड’ थे। एचसी में दायर रनौत की जुलाई की याचिका में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट को अख्तर और उसकी शिकायत में उल्लिखित गवाहों से पूछताछ करनी चाहिए थी।

एडवोकेट सिद्दीकी ने कहा, “मजिस्ट्रेट को खुद जांच का मास्टर होना चाहिए और कारणों को रिकॉर्ड करना चाहिए, और केवल यांत्रिक रूप से आदेश पारित नहीं कर सकते हैं। शिकायतकर्ता द्वारा कोई भौतिक साक्ष्य रिकॉर्ड में नहीं लाया गया और सामग्री किसी तीसरे पक्ष द्वारा लाई गई और शपथ पर उसकी जांच नहीं की गई। हालांकि, मजिस्ट्रेट ने इस पर भरोसा किया। वह शिकायत की सत्यता निर्धारित करने के लिए बाध्य थे।”

जावेद अख्तर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जय भारद्वाज ने याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट ने उचित प्रक्रिया का पालन किया। भारद्वाज ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने ‘निष्पक्ष जांच’ करने के लिए शामिल सभी लोगों को तलब किया, लेकिन कंगना रनौत अदालत में पेश नहीं हुईं।

कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और 9 सितंबर को इस पर फैसला सुनाए जाने की संभावना है।

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