Guru Purnima 2021: कहा जाता है कि प्राचीन काल में भारत में छात्रों को गुरुकुलों में मुफ्त शिक्षा मिलती थी। गुरु पूर्णिमा के दिन वे पूरी श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा करते थे और उन्हें दक्षिणा (मानदेय) देते थे।
आज के इस युग में गुरु या गुरु से सीखते हुए उन पर विश्वास करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग अपने गुरुओं या गुरुओं के लिए व्रत रखते हैं। इसके अलावा कुछ और भी तरीके हैं जिनसे कोई अपने गुरु या गुरु को प्रसन्न कर सकता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और हो सके तो अपने कामों को पूरा करें, किसी पवित्र नदी में स्नान करें। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण की ओर बारह रेखाएँ खींचकर घर के किसी स्वच्छ पवित्र स्थान पर लकड़ी के तख्त पर सफेद कपड़ा बिछाकर व्यासपीठ तैयार करें।
इसके बाद ‘गुरुपरमपरसिद्धार्थं व्यासपूजन करिश्ये’ मंत्र का जाप करके संकल्प लें और सभी दस दिशाओं में अक्षुण्ण रखें।
ब्रह्माजी, व्यासजी, शुकदेवजी, गोविंद स्वामीजी, शंकराचार्यजी और अपने प्रिय गुरुजी के नाम से मंत्रों का जाप करते हुए पूजा, हवन करें। इस दौरान ध्यान करना अनिवार्य है।
गुरु पूर्णिमा के दिन वेदों और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन भी शुभ माना जाता है। इस दिन दान करने से गुरु प्रसन्न होते हैं साथ ही उन्हें पुण्य लाभ भी मिलता है।
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