BSF के अधिकार पर केंद्र-पंजाब में तकरार: CM चन्नी की सर्वदलीय मीटिंग; अकाली दल और आप के साथ सिद्धू भी शामिल; BJP का बहिष्कार

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  • बीएसएफ की सत्ता पर सियासी कलह, पंजाब में सीएम चन्नी की सर्वदलीय बैठक; सिद्धू भी हुए अकाली दल और आप में शामिल; भाजपा बहिष्कार

जालंधर7 मिनट पहले

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CM चरणजीत चन्नी की अगुवाई में यह मीटिंग पंजाब भवन में होगी। – फाइल फोटो

सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार बढ़ाने पर पंजाब सरकार और केंद्र में तकरार शुरू हो गई है। पंजाब के CM चरणजीत चन्नी ने सोमवार को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई है। जिसमें पंजाब कांग्रेस की तरफ से प्रधान नवजोत सिद्धू भी शामिल होंगे। वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से भगवंत मान और अमन अरोड़ा हैं। अकाली दल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत चीमा को भेजा है। BJP ने इस मीटिंग का बहिष्कार किया है। उनका कहना है कि पंजाब सरकार सुरक्षा के मामले पर सियासत कर रही है।

वहीं, इस मीटिंग के जरिए पंजाब सरकार केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। जिसमें बीएसएफ के नए अधिकार का नोटिफिकेशन वापस लेने की मांग की जाएगी। मीटिंग खत्म होने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर इसमें लिए फैसले की जानकारी दी जाएगी।

विरोधियों के हमले से घिर गए थे चन्नी

पंजाब में BSF के अधिकार बढ़ाने को लेकर सीएम चरणजीत चन्नी विरोधियों के हमले से घिर गए थे। असल में यह फैसला तब सामने आया, जब सीएम चन्नी केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर लौटे। विरोधियों ने उन्हें घेर लिया कि वह ही केंद्र सरकार को इसकी मंजूरी देकर आए हैं। इससे सियासी तौर पर उन्हें कमजोर साबित करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में CM चन्नी ने सर्वदलीय मीटिंग का दांव खेल दिया है। इस मुद्दे पर सभी दलों को एक मंच पर लाकर CM चन्नी ने अपनी सफाई दे दी है।

पहले PM को लेटर भी लिख चुके CM चन्नी

इस मुद्दे पर पंजाब के CM चरणजीत चन्नी पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर भी लिख चुके हैं। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से बीएसएफ के अधिकार पहले की तरह रखने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि पंजाब के भीतर बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने से संविधान के संघीय ढांचे की भावना का उल्लंघन हो रहा है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह

कैप्टन अमरिंदर सिंह

कैप्टन का दांव फेल करने की कोशिश

सियासी चर्चा यह भी है कि सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ही दिल्ली जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मीटिंग की। जिसमें बताया कि पंजाब में सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियार, ड्रग्स और रुपया भेजा जा रहा है। वहीं, पंजाब में टिफिन बम का भी खतरा बना हुआ है। इसके बाद सीएम चन्नी से मीटिंग होते ही बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया गया। इससे चन्नी सरकार सियासी तौर पर कमजोर साबित हुई थी। जिसका तोड़ निकाल केंद्र के साथ अमरिंदर को भी घेरने की कोशिश की जा रही है।

पंजाब सरकार मांग कर रही है कि बीएसएफ के पहले जैसे ही अधिकार रखे जाएं

पंजाब सरकार मांग कर रही है कि बीएसएफ के पहले जैसे ही अधिकार रखे जाएं

पढ़िए… क्यों है पंजाब को एतराज

पंजाब का करीब 600 KM बॉर्डर पाकिस्तान से सटा हुआ है। पहले बीएसएफ बॉर्डर तक सीमित थी। अब केंद्र ने यह अधिकार बॉर्डर से 50 किमी भीतर तक बढ़ा दिया है। इसके बाद पंजाब के कुल 50 हजार में से करीब 27 हजार किमी एरिया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया। पंजाब में इससे करीब 7 जिले बीएसएफ के अधीन आ गए। जिनमें उन्हें सर्च, गिरफ्तारी और बरामदगी का अधिकार मिल गया। एनडीपीएस, कस्टम और पासपोर्ट एक्ट के यह अधिकार मिले हैं। इसके बाद पंजाब सरकार ने विरोध जताया। उनका कहना है कि जो पंजाब पुलिस आतंकवाद को खत्म कर सकती है, वह इन चीजों से भी निपट सकती है।

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