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- कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए बाजवा, रंधावा और सरकारिया पंजाब सरकार ने शुरू की रोजगार में मदद के लिए ‘मेरा काम मेरा मन’ योजना
लुधियाना39 मिनट पहले
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पंजाब कैबिनेट की वर्चुअल मीटिंग में कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रिंसिपल सेक्रेटरी विन्नी महाजन।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी खेमे और सिद्धू के नजदीकी 3 मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए। तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया ने गुरुवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग से दूरी बनाए रखी। ये मीटिंग वर्चुअली बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग को लेकर हरीश रावत से मिले जवाब के बाद मीटिंग में शामिल न होकर तीनों ने अपना विरोध दर्ज करवा दिया है।
पंजाब सरकार का कार्यकाल करीबन 6 माह का ही रह गया है और अगले विधानसभा चुनाव के लिए ये बैठक काफी अहम थी, मगर इसमें नाराज चल रहे मंत्रियों के नहीं पहुंचने से चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं इस बैठक में बेरोजगार नौजवानों को रोजगार में मदद देने के लिए पंजाब ‘मेरा काम मेरा मान’ स्कीम शुरू की गई है। मौजूदा वित्तीय वर्ष से निर्माण श्रमिकों और उनके बच्चों को 12 महीनों के प्रशिक्षण के दौरान 2500 रुपए प्रति महीना देने का फैसला लिया गया है। पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम (पीएससीएफसी) और पंजाब पिछड़ा वर्ग भूमि विकास एवं वित्त निगम (बैकफिनको) के ऋणों में से प्रत्येक 50,000 रुपए तक के कर्ज माफी का फैसला लिया गया है। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत कुल 14853 कर्जदार (पीएससीएफसी के 10151 और बैकफिनको के 4702) को इसका फायदा देने वाले फैसले लिए गए हैं।
पंजाब भवन भी नहीं पहुंचे बाजवा
पंजाब कांग्रेस प्रधान बनते ही नवजोत सिंह सिद्धू ने मुंख्यमंत्री से मांग की थी कि कैबिनेट मंत्री रोजाना सोमवार से शुक्रवार तक पंजाब भवन में बैठकर आम लोगों, कांग्रेस वर्करों और विधायकों की बात सुनेंगे और उनके काम करवाएंगे। इसके लिए बाकायदा तौर पर रोस्टर जारी किया गया था। जिसके तहत गुरुवार को पंजाब भवन में बैठने की ड्यूटी तृप्त रजिंदर बाजवा की थी, मगर वह पंजाब भवन नहीं पहुंचे।
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