पंजाब में पंचायतें भंग करने का फैसला वापस: सरकार ने हाईकोर्ट को बताया, नोटिफिकेशन 1-2 दिन में; समय से पहले खत्म किया था कार्यकाल

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चंडीगढ़एक घंटा पहले

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की फाइल फोटो।

पंजाब सरकार ने सभी पंचायतें भंग करने का फैसला वापस ले लिया है। राज्य सरकार अगले 1-2 दिन में नोटिफिकेशन वापस ले लेगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गुरुवार को पंचायतें भंग करने के मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने आदेश वापस लेने की जानकारी दी।

इससे पहले हाईकोर्ट ने मामले में AAP सरकार को कड़ी फटकार लगाई गई थी। सरकार से पूछा गया कि आखिर किस अधिकार से पंचायतों को भंग करने का फैसला लिया गया। सरकार को यह हक किसने दिया है कि वह लोगों के चुने प्रतिनिधियों से उनका अधिकार बिना किसी कारण वापस ले।

10 अगस्त को जारी की थी नोटिफिकेशन
बता दें कि पंजाब सरकार ने 10 अगस्त 2023 को सभी पंचायतें भंग करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया था। इस फैसले को लोकहित में बताया गया, लेकिन पटियाला समेत अन्य जिला ग्राम पंचायतों की ओर से दायर याचिका में राज्य सरकार के नोटिफिकेशन को गैर-कानूनी और अनुचित बताया गया।

निर्धारित कार्यकाल घटाने पर आपत्ति
याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को भंग कर दिया गया है। अब डायरेक्टर, ग्राम विकास एवं पंचायत और विशेष सेक्रेटरी को ग्राम पंचायतों के सभी काम और शक्तियों का इस्तेमाल करने समेत प्रशासकों की नियुक्ति के अधिकार दे दिए गए। किसी भी समय चुनाव की घोषणा करने और पंचायतें भंग करने की शक्ति का मतलब यह नहीं है कि संविधान द्वारा निर्धारित कार्यकाल को घटा दिया जाए।

पंजाब सरकार ने ये आदेश किए थे जारी
पंजाब सरकार ने ग्राम पंचायतों को पंजाब पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 29-ए के अधीन करके भंग किया था। राज्य सरकार द्वारा पंचायती रिकॉर्ड को सहेजकर सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक शिक्षा एवं पंचायत अफसर, पंचायत अफसर, जूनियर इंजीनियर और ग्रामीण विकास अफसर बतौर प्रबंधक नियुक्त किए गए।

पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें
प्रबंधकों को गत 14 अगस्त तक ग्राम पंचायतों का बंटवारा करके पेन ड्राइव समेत सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से प्रोफार्मा भेजने के आदेश जारी किए गए थे। पंजाब में 13 हजार से ज्यादा पंचायतें हैं, जिनमें सरकार द्वारा चुनाव कराए जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर को हो सकते हैं, जबकि ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर को कराए जा सकते हैं। हालांकि सरकार की ओर से औपचारिक ऐलान होना बाकी है।

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