यूपीए के अस्तित्व के सवाल के बीच: आज राहुल गांधी से मिलेंगे शिवसेना सांसद संजय राउत, शिवसेना ने बताया रूटीन मुलाकात

मुंबई5 मिनट पहले

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इस मुलाकात से पहले राउत ने रविवार को दावा किया था कि  बनर्जी, कांग्रेस के बिना गठबंधन पर विचार कर रही हैं।

यूपीए के अस्तित्व को लेकर खड़े हुए सवालों के बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत मंगलवार शाम पांच बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात करेंगे। शिवसेना भले ही इसे ‘रूटीन’ मुलाकात बता रही है, लेकिन पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के महाराष्ट्र दौरे के दौरान यूपीए को लेकर पैदा हुई गलतफहमी को दूर करने का शिवसेना का एक प्रयास है।

इस बैठा के माध्यम से शिवसेना यह मैसेज भी देना चाहती है कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी यानी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के अलायंस में कोई दिक्कत नहीं चल रही है। साथ ही यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि शिवसेना लगातार कांग्रेस के संपर्क में है और अपने मुद्दों को लेकर दोनों दलों के बीच समन्वय स्थापित है।

ममता ने कहा था-यूपीए नहीं है कोई गठबंधन
दरअसल, ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान राकांपा चीफ शरद पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि UPA कोई गठबंधन नहीं है। यह खत्म हो चुका है। उन्होंने राहुल पर भी नाम लिए बिना तंज कसा था। कहा था कि कोई कुछ करता नहीं है, विदेश में रहता है तो कैसे चलेगा।

राउत ने कहा था-कांग्रेस के बिना कोई मोर्चा नहीं
इस मुलाकात से पहले राउत ने रविवार को दावा किया था कि बनर्जी, कांग्रेस के बिना गठबंधन पर विचार कर रही हैं। राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में यह भी दावा किया था कि बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी TMC महाराष्ट्र में सियासी आजमाइश नहीं करेगी। गौरतलब है कि TMC नेतृत्व ने बीते दिनों कहा था कि वह एक वैकल्पिक मोर्चा बनाना जारी रखेगी क्योंकि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ ‘लड़ाई का नेतृत्व करने में विफल’ रही है। बनर्जी ने अपनी हालिया मुंबई यात्रा के दौरान कहा था कि ‘अब कोई संप्रग (यूपीए) नहीं है।’

राउत ने आगे कहा था कि ‘ऐसा लगता है कि बनर्जी कांग्रेस को बाहर रखकर कुछ नया करने पर विचार कर रही हैं।’ उन्होंने यह भी दावा किया था कि कुछ दिन पहले यहां शिवसेना नेता एवं राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे से मुलाकात के दौरान बनर्जी ने कहा था कि ‘हम यहां नहीं आएंगे क्योंकि शिवसेना और NCP मजबूत हैं।’

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