किसान मोर्चा और चढ़ूनी में विवाद गहराया: चढ़ूनी ने रद्द की 25 की बॉर्डर यात्रा; SKM की यात्रा में शामिल होने-न होने पर फैसला कल

करनाल10 मिनट पहले

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करनाल में बसताड़ा टोल पर किसानों से विचार-विमर्श करते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी।

केंद्र सरकार के खेती कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। आंदोलन का एक साल पूरा होने के मौके पर SKM ने 24 नवंबर को अंबाला से दिल्ली बॉर्डर तक शहीद किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया है। SKM के इस ऐलान पर नाराजगी जताते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने 25 नवंबर को बॉर्डर तक प्रस्तावित अपनी यात्रा रद्द कर दी है। साथ ही उन्होंने पंजाब की यूनियनों पर उनके कार्यक्रमों को प्रभावित करने का आरोप लगाया। चढ़ूनी 24 नवंबर की SKM की यात्रा में शामिल होंगे या नहीं, इस पर फैसला गुरुवार को बैठक कर लिया जाएगा।

भाकियू प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बुधवार को करनाल में बसताड़ा टोल पर अपनी इकाई के पदाधिकारियों और किसानों के साथ मीटिंग कर 25 नवंबर की SKM की शहीद किसान यात्रा पर चर्चा की। बैठक में इस बात पर रोष जताया गया कि किसान मोर्चा ने चढ़ूनी को विश्वास में लिए बिना ही यात्रा का ऐलान कर दिया।

बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लेकर चढ़ूनी ने अपनी 25 नवंबर की प्रस्तावित शहीद किसान यात्रा रद्द करने की घोषणा कर दी। 24 नवंबर को निकलने वाली SKM की शहीद किसान यात्रा में चढ़ूनी गुट शामिल होगा या नहीं, इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। गुरुवार को इस मुद्दे पर बैठक बुलाई गई है। करनाल में होने वाली इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मोर्चा की यात्रा में शामिल हों या फिर अपना अलग कार्यक्रम करें।हालांकि चढ़ूनी ने कहा कि बड़े प्रयासों से किसान आंदोलन को खड़ा किया गया है। वह इसे किसी साजिश से फेल नहीं होने देंगे।

करनाल में बसताड़ा टोल पर बुधवार को किसानों से विचार-विमर्श करते हुए गुरनाम चढ़ूनी ।

करनाल में बसताड़ा टोल पर बुधवार को किसानों से विचार-विमर्श करते हुए गुरनाम चढ़ूनी ।

ऐसे पनपा विवाद
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि हमने 25 नवंबर से अंबाला से शहीद किसान यात्रा का कार्यक्रम तय किया था। बाद में पंजाब से जुड़े संगठनों ने 24 नवंबर को अंबाला से यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया। बताया गया कि यह किसान मोर्चा का फैसला और हरियाणा संयुक्त मोर्चा ने इसका प्रस्ताव दिया था। चढ़ूनी का आरोप है कि वास्तविकता ये है कि मोर्चा वाले उनको अलग-थलग करना चाहते हैं। प्रदेश में नकली मोर्चा खडा किया गया है। पहले जो मोर्चा बनाया गया था, उसमें वे ही प्रधान थे। लोगों में मैसेज गया की चढ़ूनी की मोर्चा के साथ लड़ाई चल रही है।

चढ़ूनी को डाउन करने की साजिश तो नहीं

पंजाब के नेता के बयान पर चढ़ूनी ने कहा कि पंजाब के किसान नेताओं ने गुरनाम सिंह को हरियाणा में डाउन करना चाहिए। ये फैसला लिया है। वहां पर किसान खुद बुलाते हैं। कल भी अमृतसर में रैली का टाइम मांगा जा रहा है। मैं किसी बदनियत से पंजाब में नहीं जा रहा हूं। किसान नेताओं की फूट पर बोले कि एेलनाबाद में कोई विरोधाभाष नहीं है। हम तो यात्रा का स्वागत करेंगे।

मिशन पंजाब से मिला आंदोलन को मिला बल

मिशन पंजाब पर कहा कि हर कार्यक्रम का प्लान ए, प्लान बी, प्लान सी होता है। लाठी से काम नहीं चला तो करपान उठाएंगे, करपान काम नहीं आई तो गोली चलाएंगे। किस युद्ध में क्या चलेगा ये तो मौके पर निर्भर होता है। कृषि कानून के लिए एक साल से धरना चल रहा है कोई नहीं सुन रहा। जो पॉलिसी है वो गरीब को गरीब और अमीर को अमीर बना रही है। ये पॉलिसी जिसने बनाई है वो गलत है। जो हमारे देश को गरीब बनाती है। जहां-जहां पंजाब में जा रहे हैं, वहां पर और ज्यादा लोग जुड़ रहे हैं। मिशन पंजाब से बल मिला है।

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