देश भर – Bengal Politics: बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट पर गरमाई सियासत, राज्यपाल जगदीप धनखड़ और अमित मित्रा के बीच तीखी बयानबाजी – #INA – INA NEWS Agancy

फाइल फोटोः पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा.

पश्चिम बंगाल में अगले साल प्रस्तावित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) को लेकर सियासत गरमा गई है. जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी सरकार से इस पर एक श्वेत पत्र (सफेद कागज) जारी करने की मांग की है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) ने एक वीडियो भी जारी किया है और पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा (अमित मित्र) से जवाब मांगा है. राज्यपाल धनखड़ और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बयानबाजी हुई.  राज्यपाल ने बीजीबीएस के पांच संस्करणों के परिणामस्वरूप राज्य को प्राप्त वास्तविक निवेश के बारे में एक साल पहले तत्कालीन वित्त मंत्री से मांगी गई जानकारी न उपलब्ध कराए जाने पर चिंता जताई.

राज्यपाल ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “अमित मित्रा अध्ययन कर बताएं कि ग्लोबल बिजनेस समिट के पांच संस्करणों में पांच करोड़, 12 लाख, 30 हजार करोड़ से अधिक निवेश कहां हुए हैं. किस कंपनी ने और किस इलाके में निवेश हुआ है. निवेश की वर्तमान स्थिति क्या है. कितने लोगों रोजगार मिला है. इसका स्पष्ट उत्तर दें. पत्र में मुद्दों का कोई उत्तर नहीं दिया है. जनता को जानने का अधिकार है.

राज्य सरकार का दावा जमीनी हकीकत से है कोसों दूर

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की शानदार सफलता जमीनी हकीकत से कोसों दूर है. दरअसल, राज्यपाल ने पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा था कि उन्होंने पहले विभागीय सचिव और फिर वित्त मंत्री से बीजीबीएस के पांच संस्करणों की जानकारी मांगी थी, लेकिन वह नहीं मिली. इसके जवाब में अमित मित्रा ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया की एक प्रति पोस्ट की जो उन्होंने पिछले साल भेजी थी. बता दें कि अमित मित्रा का वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया. उन्हें अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वित्त विभाग का प्रधान मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया है.

राज्यपाल को है भूलने की बीमारी-बोले अमित मित्रा

अमित मित्रा ने ट्वीट कर कहा, “माननीय राज्यपाल का ट्वीट डॉ जेकेल और मिस्टर हाइड टाइप मामला लगता है. बीते नौ नवंबर को उन्होंने 2022 में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए सीएम के प्लान का पुरजोर समर्थन किया था और 24 घंटे के बाद ही उनके सुर बदल गए.” अमित  मित्रा ने एक और ट्वीट में कहा, “मैंने शिखर सम्मेलन पर चार पेज के पत्र के साथ आधिकारिक तौर पर जवाब दिया था. कार्यान्वयन, रोजगार सृजन आदि के तहत निवेश प्रस्तावों पर डेटा प्रस्तुत किया था. क्या उन्हें भूलने की बीमारी है या उन्हें मदद की जरूरत है या यह चूक है? अमित मित्रा ने बताया कि उन्होंने पिछले साल 24 सितंबर को राज्यपाल को व्यापार शिखर सम्मेलन के परिणाम पर चार पन्नों का लिखित जवाब दिया था. अमित मित्रा ने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन की सफलता के कारण, “राज्य की जीडीपी 2010-11 (हमारे कार्यालय आने से एक साल पहले) में 4.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 12.5 लाख करोड़ (2019-20 में) रुपये हो गई.”

ये भी पढ़ें-

बीजेपी का हो रहा है तृणमूलकरण! शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ टिप्पणी करने पर पार्टी ने हावड़ा जिला संगठन समिति अध्यक्ष को किया निष्कासित

Bengal Crime: मानवता हुई शर्मसार, 9 महीने से नाबालिग बेटी के साथ पिता कर रहा था रेप, नानी की शिकायत के बाद हुआ गिरफ्तार

कॉपीराइट अधिनियम 1976 की धारा 107 के तहत कॉपीराइट अस्वीकरण, आलोचना, टिप्पणी, समाचार रिपोर्टिंग, शिक्षण, छात्रवृत्ति और अनुसंधान जैसे उद्देश्यों के लिए “उचित उपयोग” के लिए भत्ता दिया जाता है। उचित उपयोग कॉपीराइट क़ानून द्वारा अनुमत उपयोग है जो अन्यथा उल्लंघनकारी हो सकता है। गैर-लाभकारी, शैक्षिक या व्यक्तिगत उपयोग उचित उपयोग के पक्ष में संतुलन का सुझाव देता है।

सौजन्य से tv 9 hindi. com

स्रोत लिंक
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY