कोरोना का इलाज: नौ कंपनियों ने मर्क की एंटी-कोरोना ड्रग के भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी, ट्रायल के नतीजे सीडीएससीओ को सौंपे

नई दिल्ली11 घंटे पहलेलेखक: पवन कुमार

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कोरोना की इस दवा का भारत में नौ कंपनियों ने क्लीनिकल ट्रायल किया है।

कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए युनाइटेड किंगडम में अप्रूव मर्क की एंटी वायरल ड्रग मोलनुपिराविर के भारत में आपात इस्तेमाल की इजाजत 9 कंपनियों ने मांगी है। जानकारी के मुताबिक इस दवा का भारत में नौ कंपनियों ने क्लीनिकल ट्रायल किया है। ट्रायल के नतीजे सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) को सौंपे गए हैं। इन कंपनियों ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से दवा के आपात इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। हालांकि अब तक इसके लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) की बैठक नहीं बुलाई गई है।

मोलनुपिराविर दवा का 5 कंपनियों (सिप्ला, एमक्योर, सन फार्मा, टोरेंट और माईलॉन) की ओर से डॉ. रेड्डी ने देश में क्लीनिकल ट्रायल किया। डॉ. रेड्डी लैब फार्मास्यूटिकल की ओर से कुल 730 लोगों पर ट्रायल किया गया है। हेटेरो ने 741, नाटको ने 389 और ऑप्टिमस ने 353 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल किया। कंपनी ने कहा कि यह दवा हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को पांच दिनों तक दिन में दो बार दी जाती है। कंपनियों ने यह दावा भी किया कि दवा देने के बाद हल्के लक्षण वाले मरीजों का गंभीर बीमारी से बचाव होता है।

कैडिला वैक्सीन की एक करोड़ डाेज खरीदने का आदेश
जाइडस कैडिला की तीन डोज वाले सुई-मुक्त काेराेना टीके जायकाेव-डी को जल्द ही राष्ट्रीय एंटी-कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अहमदाबाद स्थित फर्म से टीके की एक करोड़ डाेज खरीदने का आदेश दिया है। टैक्स छाेड़कर प्रत्येक डाेज की कीमत लगभग 358 रुपए है। इसमें 265 रु. की वैक्सीन और 93 रु. का एक डिस्पोजेबल दर्द रहित जेट एप्लीकेटर शामिल होगा।

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