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- अमरिंदर के कांग्रेस छोड़ने से हड़कंप, मंत्री और विधायक पंजाब भवन बुलाए; डैमेज कंट्रोल में लगे प्रभारी हरीश चौधरी व सीएम चन्नी
चंडीगढ़6 घंटे पहले
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मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे सीएम चन्नी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने और नई पार्टी के ऐलान से हड़कंप मच गया है। कैप्टन के दांव से पंजाब कांग्रेस में स्थिति संभालने का दौर शुरू हो गया है। इसके लिए पंजाब भवन में कांग्रेस की करीब 3 घंटे की मीटिंग चली। इसकी अगुवाई CM चरणजीत चन्नी, नवजोत सिद्धू और पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी कर रहे हैं। इसमें पंजाब सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया है। हालांकि, इसे अगले चुनाव के लिए रणनीति बनाने के नाम पर बुलाया गया है।
मीटिंग के बाद सिद्धू ने सिर्फ ऑल इज वेल कहा और उसके बाद वहां से रवाना हो गए। वहीं, हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस अगली सरकार बनाएगी। कांग्रेस एकजुट है। कैप्टन के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि उस पर पार्टी की आंतरिक नीति के हिसाब से फैसला लिया जाएगा। कैप्टन के जाने से नुकसान पर चौधरी ने कहा कि हम सिर्फ पंजाब की भलाई की सोच रहे हैं।
कांग्रेस को बगावत की चिंता
पंजाब में कांग्रेस की चिंता यह है कि कैप्टन अमरिंदर के साथ कौन-कौन से विधायक जा सकते हैं। कहीं ऐसा न हो कि पंजाब में सरकार को खतरा पैदा हो जाए। अमरिंदर खेमा कई बार कह चुका है कि 10 से 15 विधायक कैप्टन के साथ हैं। ऐसे में कहीं अचानक कांग्रेस सरकार फिर से बगावत में न फंस जाए, इसे रोकने के लिए अब यहां चर्चा की जा रही है।
पंजाब भवन के बाहर कड़ी सुरक्षा रही
रेत माफिया को लेकर आरोप से सहमी कांग्रेस
अब सिर्फ कैप्टन के पार्टी छोड़ने तक सीमित नहीं रही। सबसे बड़ी चिंता रेत माफिया में कांग्रेसी MLA और मंत्रियों के शामिल होने का आरोप है। अमरिंदर ने कहा कि उनके पास इनकी लिस्ट है, जो सरकार और इंटेलिजेंस ने उन्हें दी है। अगर अमरिंदर उनका नाम सार्वजनिक कर देते हैं तो कांग्रेस के भीतर हालात बिगड़ सकते हैं।
नवजोत सिद्धू पहले ही हमलावर हैं और यही आरोप लगा उन्होंने कैप्टन की कुर्सी छीन ली। अब अगर कैप्टन नाम सार्वजनिक करेंगे तो कांग्रेस को सफाई देने का भी वक्त नहीं मिलेगा। इसलिए अभी सभी को पार्टी के साथ एकजुट रहने के लिए मनाया जा रहा है।
मान गए सिद्धू
इस मीटिंग में नवजोत सिद्धू भी पहुंचे थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब सिद्धू पार्टी में काम करने के लिए मान गए हैं। मंगलवार को ही केदारनाथ में वह सीएम चन्नी के साथ रहे। इसके बाद शाम को मीटिंग बुलाई गई तो वहां भी मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस नेताओं के साथ उन्होंने मीटिंग की।
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